देश की खबरें | महामारी के आधार पर भारद्वाज जमानत पाने की हकदार नहीं हैं: एनआईए
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मुंबई, 30 जून राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बम्बई उच्च न्यायालय को बताया कि एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज जमानत के जरिये कोविड-19 महामारी का ‘‘अनुचित लाभ उठाने’’ का प्रयास कर रही है।
एनआईए ने पिछले सप्ताह सौंपे एक हलफनामे में अदालत से भारद्वाज की अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने का आग्रह किया।
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एजेंसी ने अपने जवाब में कहा कि भारद्वाज कोविड-19 स्थिति के आधार पर भी ‘‘किसी भी तरह की राहत पाने की हकदार’’ नहीं है क्योंकि इस बात के ‘‘ठोस सबूत’’ मिले है कि वह ‘‘प्रतिबंधित संगठन सीपीआई(माओवादी) की एक सदस्य है।’’
जांच एजेंसी ने दावा किया कि भारद्वाज ने हिंसा की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई थी जिसका उद्देश्य मौजूदा केंद्र सरकार को ‘‘अस्थिर’’ करना था।
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मुंबई में विशेष एनआईए अदालत द्वारा 29 मई को उनकी याचिका खारिज किये जाने के बाद भारद्वाज (58) ने जमानत के अनुरोध को लेकर उच्च न्यायालय का रूख किया था।
याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन समय की कमी कारण ऐसा नहीं हो सका।
भारद्वाज ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगते हुए दलील दी है कि जेलों में कोरोना वायरस का खतरा अधिक है।
पुणे में 31 दिसम्बर, 2017 को आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन के सिलसिले में भारद्वाज के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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