West Bengal: पंचायत चुनाव नामांकन के दौरान हुई झड़पों में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "राज्य निर्वाचन आयोग टीएमसी के फ्रंटल संगठन की तरह काम कर रहा है. टीएमसी इस पंचायत चुनाव को 2018 की तरह ही तमाशा बनाना चाहती है." प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग अपना वोट तभी डाल सकते हैं जब केंद्रीय बल तैनात हों.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन बृहस्पतिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा तथा आगजनी हुई और तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस ने कहा कि कोलकाता से लगभग 30 किलोमीटर दूर दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में दो लोगों की हत्या कर दी गई, जबकि सिलीगुड़ी से लगभग 50 किलोमीटर दूर उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में उपद्रवियों ने एक अन्य युवक की गोली मारकर हत्या कर दी.

राज्य के विभिन्न हिस्सों से झड़पों की कई घटनाओं की सूचना मिली हैं और पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. राज्य के निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. धर्मांतरण मामला: बद्दो का मोबाइल और लैपटॉप खोलेगा कई राज, बैंक अकाउंट में हुई लेन-देन की भी जांच

हिंसा के कारण विपक्षी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष पर हिंसा को अंजाम देकर राज्य को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया.

उन्होंने हिंसा की घटनाओं में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया. बनर्जी ने कहा कि टीएमसी ने अपने सदस्यों को सभी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने देने का निर्देश दिया था.

बनर्जी ने कहा, “करीब 74,000 बूथ पर कुछ घटनाएं केवल दो या तीन में हुई हैं. हमारी पार्टी के कार्यकर्ता उन घटनाओं में शामिल नहीं हैं.” मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा कोई नई बात नहीं है. उन्होंने 2003 में वाम शासन के दौरान इसी तरह की स्थिति में 36 लोगों की मौत का हवाला देते हुए कहा, “ग्रामीण चुनाव इतने स्थानीय हैं कि एक ही परिवार के तीन या चार सदस्य भी चुनाव लड़ रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “विपक्षी दल नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसा करके गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वे राज्य की छवि को खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. अगर वे (विपक्षी दल) सोचते हैं कि वे एकतरफा हिंसा करेंगे, तो लोग करारा जवाब देंगे.”

बनर्जी ने 2013 में केंद्रीय बलों की देखरेख में हुए पंचायत चुनावों का भी जिक्र किया, जिसमें “49 लोगों की मौत हो गई थी.” भांगर में जारी हिंसा के बारे में बनर्जी ने पार्टी का नाम लिए बिना इसके लिए इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा, “ध्रुवीकरण करने के लिए धर्म का उपयोग करने वाले राजनीतिक दल ने पिछले दो दिनों से भांगर में आतंक का राज कायम कर रखा है, हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है और कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई है. हमारी ओर से भी कल कुछ प्रतिक्रिया हुई है.”

पंचायत चुनाव में लगभग 75 हजार सीटों पर होने वाले मतदान के लिए 5.67 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं. बुधवार तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पहले कुछ दिन में नामांकन दाखिल करने में विपक्ष के पीछे रही टीएमसी ने लगभग 50,000 सीटों पर नामांकन दाखिल किया है, जबकि भाजपा ने लगभग 46,000, माकपा और कांग्रेस ने क्रमशः 38,000 और 11,000 सीटों पर नामांकन किया है.

माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि चोपड़ा में वाम मोर्चे और कांग्रेस के उम्मीदवारों पर उस समय हमला किया गया जब वे अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने जा रहे थे.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, "टीएमसी ने राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस के मौन समर्थन के दम पर आतंक का शासन शुरू किया है. लोकतंत्र में यह शर्मनाक है."

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "राज्य निर्वाचन आयोग टीएमसी के फ्रंटल संगठन की तरह काम कर रहा है. टीएमसी इस पंचायत चुनाव को 2018 की तरह ही तमाशा बनाना चाहती है." प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग अपना वोट तभी डाल सकते हैं जब केंद्रीय बल तैनात हों.

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