कोलकाता, पांच नवंबर पश्चिम बंगाल में नैहाटी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस से उम्मीदवार सनत डे को कोलकाता के प्रमुख फुटबॉल क्लबों के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा समर्थन दिए जाने पर सोमवार को विवाद खड़ा हो गया।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने फुटबॉल के प्रति डे के जुनून को उजागर करने के लिए एक वीडियो साझा किया, जिसमें कोलकाता के प्रमुख फुटबॉल क्लबों - मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के वरिष्ठ पदाधिकारी नैहाटी क्षेत्र में स्थानीय स्तर के खेल प्रशासक के रूप में डे की विश्वसनीयता की पुष्टि करते और उन पर भरोसा जताते हुए दिखाई दे रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमारे विधायक उम्मीदवार सनत डे का फुटबॉल के प्रति प्रेम नैहाटी में सभी को पता है। चाहे वह मोहन बागान हो, ईस्ट बंगाल हो या मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब हो, नैहाटी में मजबूत खेल संस्कृति को बनाए रखने में उनके अपार योगदान की सभी सराहना करते हैं।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसकी कड़ी आलोचना की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए इसे ‘‘अप्रत्याशित और अनैतिक’’ करार दिया।
उन्होंने इस घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा, ‘‘खेल क्लबों और शासी निकायों में महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर बैठे लोगों द्वारा इस तरह का बेशर्म राजनीतिक समर्थन अनुचित रणनीति है, जो क्लबों और शासी निकायों के नाम को उम्मीदवार के साथ जोड़ती है। यह पूरी तरह से खेल भावना के विपरीत है और ऐसी संस्थाओं के लिए आचार संहिता का भी उल्लंघन करता है।’’
शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मंडाविया से इस घटनाक्रमों की औपचारिक जांच का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कृपया मामले का संज्ञान लें, जांच कराएं और आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उचित कार्रवाई करें।’’
अधिकारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने कहा कि प्रमुख फुटबॉल क्लबों के पदाधिकारियों द्वारा डे के समर्थन में आगे आने में कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें गलत क्या है? सनत डे एक योग्य खेल प्रशासक हैं, इसलिए खेल जगत के उनके साथी उनके समर्थन में आगे आए हैं। और जो लोग फुटबॉल के राजनीतिकरण की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले आत्मचिंतन करना चाहिए, यह देखते हुए कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के दौरान मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के समर्थकों का इस्तेमाल किया गया था।’’
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में दरअसल 9 अगस्त की सुबह 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना के विरोध में कोलकाता सहित पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए।
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