Weather Forecast: कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड व हिमाचल में सामान्य से कम बारिश का अनुमान: आईएमडी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का सोमवार को पूर्वानुमान जताया, लेकिन कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने के आसार हैं.
नयी दिल्ली, 27 मई: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का सोमवार को पूर्वानुमान जताया, लेकिन कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने के आसार हैं. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने यहां डिजिटल माध्यम से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जून से सितंबर के बीच दक्षिण पश्चिम मानसून के तहत पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि इन चार महीनों के दौरान वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 106 प्रतिशत होने की संभावना है. हालांकि, उन्होंने बताया कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य बारिश होने के आसार हैं. उनके मुताबिक, इन क्षेत्रों में एलपीए का 92 से 108 प्रतिशत बारिश हो सकती है, जो सामान्य श्रेणी में आती है.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है. उनके मुताबिक, ओडिशा और इससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगा के क्षेत्र, दक्षिण छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तरी राज्यों के अनेक हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि वर्षा पर आधारित कृषि क्षेत्र में भी बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है, जिनमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और ओडिशा के हिस्से शामिल हैं. महापात्र ने कहा कि अगर बारिश एलपीए का 90 प्रतिशत से कम होती है, तो उसे कम बारिश माना जाता है. उनके मुताबिक, 90 से 95 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य से नीचे, 96 से 104 प्रतिशत के बीच सामान्य और 105 से 110 प्रतिशत के बीच सामान्य से अधिक वार्षा माना जाता है.
महापात्र ने कहा कि दीर्घावधि औसत के तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच पूरे देश में औसतन 87 सेंटीमीटर बारिश होती है. उन्होंने कहा कि मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है. उनके मुताबिक, इन क्षेत्रों में एलपीए का 94 से 106 प्रतिशत बारिश हो सकती है. महापात्र ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून बंगाल की खाड़ी के दक्षिण और पूर्व मध्य के अधिकतर हिस्सों तक बढ़ गया है.
उन्होंने बताया कि अगले पांच दिनों के दौरान मानसून के दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों में तथा केरल और तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के कुछ हिस्सों तथा बंगाल की खाड़ी एवं पूर्वोत्तरी राज्यों के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ने की अनुकूल स्थितियां हैं.
आईएमडी प्रमुख के मुताबिक, इस वर्ष की शुरुआत में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में देखी गई मजबूत अल नीनो (ईएनएसओ) स्थितियां तेजी से कमजोर होकर कमजोर अल नीनो स्थितियों में बदल गई हैं और वर्तमान में ईएनएसओ तटस्थ स्थिति की ओर बढ़ रही हैं.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में, हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) की स्थितियां प्रचलित हैं और मानसून ऋतु के दौरान सकारात्मक आईओडी की स्थितियां विकसित होने की संभावना है. वहीं जून के महीने में बारिश के पूर्वानुमान को बताते हुए महापात्र ने कहा कि जून महीने में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य होने की संभावना है तथा यह एलपीए का 92 से 108 प्रतिशत हो सकती है. उनके मुताबिक, 1971 से 2020 के बीच पूरे देश में जून की वर्षा का एलपीए 16.69 सेमी है.
उन्होंने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों और निकटवर्ती मध्य भारत के क्षेत्रों तथा उत्तर पश्चिम एवं पूर्वोत्तर भारत के इक्का-दुक्का क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक बारिश की संभावना है.
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