GDP: बार्कलेज ने विकास दर का अनुमान घटाकर 9.2 प्रतिशत किया

बजोरिया ने कहा, हालांकि, भारत में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर होने लगी है, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए लागू किए गए कड़े लॉकडाउन की आर्थिक कीमत कहीं बड़ी है. इसलिए हम वित्त वर्ष 2021-22 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के पूर्वानुमान को 0.80 प्रतिशत घटाकर 9.2 प्रतिशत कर रहे हैं.

अर्थव्यवस्था की रफ्तार होगी तेज (Photo Credits: Unsplash)

मुंबई: ब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज (Barclays) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी (GDP) वृद्धि दर के अनुमान को 0.8 प्रतिशत घटाकर 9.2 प्रतिशत कर दिया. बार्कलेज ने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था (Economy) पर असर उसके शुरुआती अनुमानों से अधिक है. बार्कलेज के भारत में प्रमुख अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया (Rahul Bajoria) ने कहा कि देश में टीकाकरण (Vaccination) की धीमी रफ्तार और कई राज्यों में जारी लॉकडाउन (Lockdown) के चलते पूर्वानुमानों में यह कटौती की गई. कोरोना से जारी जंग के बीच आर्थिक फ्रंट पर अच्छी खबर, 2021-22 में GDP वृद्धि का अनुमान 10.5% पर बरकरार

पिछले एक महीने में कई विश्लेषकों ने इस तरह की आशंकाएं जताई हैं, यहां तक कि आरबीआई ने भी 10.5 प्रतिशत वृद्धि के अपने अनुमान को बनाए रखा है. जीडीपी वृद्धि के लिए विश्लेषकों का अनुमान 8.5 फीसदी से लेकर 10 फीसदी से थोड़ा ऊपर तक है.

बजोरिया ने कहा, ‘‘हालांकि, भारत में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर होने लगी है, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए लागू किए गए कड़े लॉकडाउन की आर्थिक कीमत कहीं बड़ी है. इसलिए हम वित्त वर्ष 2021-22 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के पूर्वानुमान को 0.80 प्रतिशत घटाकर 9.2 प्रतिशत कर रहे हैं.’’ ब्रोकरेज फर्म ने चेतावनी दी कि टीकाकरण की धीमी रफ्तार से मध्यम अवधि के जोखिम पैदा हो सकते हैं, खासतौर से अगर देश में तीसरी लहर आती है तो.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\