नयी दिल्ली, 31 अगस्त बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में मुंबई में पंजीकृत एक इस्पात एवं बिजली कंपनी के प्रमोटर सह प्रबंध निदेशक को गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान जारी करके बताया कि अभय नरेंद्र लोढ़ा को बुधवार को हिरासत में लिया गया और एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने उन्हें आठ सितंबर तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
बयान में कहा गया है कि लोढ़ा टॉपवर्थ स्टील्स एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीपीएल) और टॉपवर्थ समूह के प्रमोटर एवं प्रबंध निदेशक हैं ।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, इसका पंजीकृत कार्यालय मुंबई में है जबकि इसका संयंत्र छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित है और यह कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रहा है।
जांच में पाया गया कि 2014-15 से 2016-17 के दौरान लेटर ऑफ क्रेडिट और ट्रेड क्रेडिट बैंक गारंटी (एलसी/टीसीबीजी) की क्रेडिट सुविधा में धोखाधड़ी करके आईडीबीआई बैंक को 63.10 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अभय नरेंद्र लोढ़ा के नियंत्रण वाली टॉपवर्थ समूह की कंपनियों ने भी टॉपवर्थ समूह और उससे जुड़ी संस्थाओं के माध्यम से 3,000 करोड़ रुपये की अपराधिक आय अर्जित की।
ईडी का धन शोधन मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। धन शोधन निरोधक एजेंसी ने पहले कंपनी के खिलाफ मुंबई, पुणे, नागपुर, दुर्ग और दिल्ली स्थित 12 परिसर में छापेमारी की थी ।
बयान में कहा गया है कि छापेमारी के दौरान विदेशों और भारत के भीतर (अब तक घोषित नहीं) विभिन्न अचल संपत्तियों और कंपनियों के स्वामित्व का विवरण सामने आया।
इसमें कहा गया है कि तलाशी के दौरान सात लाख रुपये से अधिक मूल्य की विदेशी मुद्राएं और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, इसके अलावा लोढ़ा के ‘‘नियंत्रण’’ वाली कुछ फर्जी संस्थाओं से जुड़े दस्तावेज भी मिले थे।
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