देश की खबरें | बैंक धोखाधड़ी: ईडी ने महाराष्ट्र की इस्पात कंपनी की 517 करोड़ से अधिक की संपत्तियां कुर्क कीं
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नयी दिल्ली, 28 जून प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने 895 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में धनशोधन रोधी कानून के तहत महाराष्ट्र की एक इस्पात कंपनी की 517 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि इसमें एसकेएस इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड की जमीन, भवन और मशीन शामिल हैं।
इन संपत्तियों को कुर्क करने के लिए अंतरिम आदेश धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत जारी किया गया और इनका कुल मूल्य 517.81 करोड़ रुपये है।
जांच तिरुचिरापल्ली की बॉयलर विनिर्माण कंपनी सेथर लिमिटेड के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित धनशोधन के मामले से जुड़ी है। कंपनी ने मुंबई में इंडियन बैंक की एसएएम (स्ट्रेस्ड एसेट्स मैनेजमेंट) शाखा की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से 895.45 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था।
ईडी ने कहा कि सेथर लिमिटेड 31 दिसंबर, 2012 को एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) हो गयी और फिर 2017 में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष दिवाला शोधन प्रक्रिया शुरू की गयी।
इस्पात कंपनी की भूमिका बाद में सामने आई।
ईडी ने कहा कि एसकेएस पॉवर जेनरेशन (छत्तीसगढ़) लिमिटेड के लिए किये जाने वाले लगभग 3,500 करोड़ रुपये के इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण अनुबंध के लिए सेथर लिमिटेड ने शेयरों में निवेश के बहाने अपनी मूल कंपनी एसकेएस इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड को 228 करोड़ रुपये गलत तरह से दिये।
आरोप है कि सेथर लिमिटेड के निदेशक के. सुब्बुराज ने एसकेएस इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड के साथ आपराधिक मंशा से सांठगांठ की थी।
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