देश की खबरें | श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत बने बलवीर गिरि, धूमधाम से चादर विधि संपन्न

प्रयागराज, पांच अक्टूबर दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बलवीर गिरि को मंगलवार को पूरे धूमधाम से श्रीमठ बाघंबरी गद्दी का महंत बनाया गया। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की अध्यक्षता में बलवीर गिरि की महंताई की चादर विधि संपन्न हुई।

यहां श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के परिसर में बने विशाल पंडाल में दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि को सभी प्रमुख साधु संतों ने श्रद्धांजलि दी जिसमें निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद जी महाराज, अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि जी महाराज सहित अखाड़े के कई पदाधिकारी शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रमुख साधु संतों ने ब्रह्मलीन नरेंद्र गिरि के साथ के अपने पुराने अनुभवों को साझा किया और आशा व्यक्त की कि बाघंबरी गद्दी के नए महंत बलवीर गिरि अपने गुरु की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।

श्रद्धांजलि सभा के बाद निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज ने श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के नए महंत बलवीर गिरि के नाम की औपचारिक घोषणा की और मंत्रोच्चारण के बीच बलवीर गिरि को सभी प्रमुख साधु संतों ने चादर ओढ़ाकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।

महंताई की चादर विधि में आह्वान अखाड़ा के सभापति भरद्वाज गिरि, जूना अखाड़ा के सभापति प्रेम गिरि, जूना अखाड़ा के श्रीमहंत नारायण गिरि, पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरि, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नित्यानंद गिरि, जूना अखाड़ा के अध्यक्ष प्रेम गिरि, महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव रवींद्रपुरी सहित सैकड़ों साधु संत शामिल हुए।

महंताई की चादर विधि के बाद मठ में षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में साधु संत और भक्तों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।

श्रद्धांजलि सभा और महंताई की चादर विधि कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला, पुलिस महानिरीक्षक (प्रयागराज रेंज) के पी सिंह, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र एवं शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि अपने श्रीमठ बाघंबरी गद्दी स्थित कमरे में मृत पाये गए थे। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने कथित तौर पर फांसी लगाई थी। घटनास्थल पर मिले कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था।

महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

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