Donald Trump Gunfire: ट्रंप पर हमला लोकतंत्र के समक्ष राजनीतिक हिंसा से उत्पन्न खतरे की ‘गंभीर चेतावनी’ है: अमेरिकी मीडिया

अमेरिकी मीडिया ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को रविवार को ‘‘भयावह क्षण’’ करार दिया और कहा कि यह देश में लोकतंत्र के समक्ष राजनीतिक हिंसा से उत्पन्न होने वाले खतरे की ‘‘गंभीर चेतावनी’’ है.

Donald Trump (Photo: X)

वाशिंगटन, 14 जुलाई : अमेरिकी मीडिया ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को रविवार को ‘‘भयावह क्षण’’ करार दिया और कहा कि यह देश में लोकतंत्र के समक्ष राजनीतिक हिंसा से उत्पन्न होने वाले खतरे की ‘‘गंभीर चेतावनी’’ है. ट्रंप (78) पर शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान एक युवा हमलावर ने गोली चलाई, जो उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी. ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने कहा कि शनिवार को अमेरिकियों को हमारे लोकतंत्र के समक्ष मौजूद राजनीतिक हिंसा के खतरे की चेतावनी मिली. समाचार पत्र ने कहा, ‘‘अब दोनों दलों के नेताओं और व्यक्तिगत व सामूहिक रूप से अमेरिकियों की यह जिम्मेदारी है कि वे हिंसा और इसे बढ़ावा देने वाले भड़काऊ बयानों का विरोध करें. अमेरिकियों को भी इस चुनौती के बारे में स्पष्ट रूप से सोचना चाहिए जिसका सामना यह देश कर रहा है.

शनिवार की घटना को अपवाद नहीं माना जा सकता. हिंसा अमेरिकी राजनीति को संक्रमित व प्रभावित कर रही है.’’ ‘द वॉल स्ट्रीट जनरल’ ने कहा कि हत्या का प्रयास अमेरिका के लिए एक भयावह क्षण है जो इससे भी बदतर हो सकता था, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि यह पूरी तरह से आश्चर्यजनक है. समाचार पत्र ने कहा कि राजनीतिक शत्रुता और घृणास्पद बयानबाजी एक ऐसे स्तर पर पहुंच गई है, जिसकी वजह से अमेरिका में हिंसा व हत्या के प्रयास हुए हैं और हममें से कुछ लोगों को अब भी 1968 की घटना अच्छी तरह याद है. यह भी पढ़ें : जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आग लगने से सात घर जले, एक व्यक्ति घायल

हमलावर अपने किए के लिए खुद ही जिम्मेदार है, लेकिन दोनों पक्षों के नेताओं को चुनाव के दौरान भड़काऊ बातें कहनी बंद कर देनी चाहिए, अगर कोई एक उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है तो लोकतंत्र खत्म नहीं होगा. समाचार पत्र ने कहा, ‘‘अगर ट्रंप जीतते हैं तो देश में तानाशाही नहीं आ जाएगी.’’ सीएनएन ने एक लेख में कहा कि एक पूर्व राष्ट्रपति और नवंबर में होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन स्वीकार करने से कुछ ही दिन पहले एक चुनावी रैली में ट्रंप को निशाना बनाया जाना निश्चित रूप से लोकतंत्र और अपना नेता चुनने के प्रत्येक अमेरिकी के अधिकार पर हमला है.

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