अरुणाचल प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के लिए संग्रहालय बनाएगी

अरुणाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के उन गुमनाम नायकों को उचित सम्मान देने के लिए एक अत्याधुनिक संग्रहालय बनाने का फैसला किया है, जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान दिया है। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.

मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Photo Credits PTI)

अरुणाचल प्रदेश सरकार (Arunachal Pradesh Govt) ने राज्य के उन गुमनाम नायकों को उचित सम्मान देने के लिए एक अत्याधुनिक संग्रहालय बनाने का फैसला किया है, जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान दिया है। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. बयान में कहा गया है कि सरकार सीमांत राज्य में मौजूदा युद्ध स्थलों को संरक्षित और सुरक्षित करने के अपने प्रयासों के तहत कई स्मारक बनाने की भी योजना बना रही है। इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय संग्रहालय का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव गुजरात को भेजा जाएगा.

आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य के गुमनाम नायकों को सम्मानित करने के तरीके सुझाने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई एक कोर समिति ने उपमुख्यमंत्री चौना मीन की अध्यक्षता में नामसाई में एक बैठक के दौरान संग्रहालय और युद्ध स्मारक स्थापित करने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री मीन ने कहा कि देश की आजादी के 75वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए केंद्र की 'आजादी का अमृत महोत्सव' पहल ने अरुणाचल को ''अपना इतिहास लिखने का अच्छा अवसर'' प्रदान किया है. यह भी पढ़े: इस संग्रहालय में देखें स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के स्मृति चिन्ह, बेड़ियां

उन्होंने राज्य के गौरवशाली इतिहास और अन्य पहलुओं पर अध्ययन के लिए यहां राजीव गांधी विश्वविद्यालय में एक शोध प्रकोष्ठ की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस वर्ष के अंत में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक 15 दिवसीय उत्सव आयोजित किया जाएगा, और कार्यक्रम के हिस्से के रूप में थिएटर शो और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा.

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