देश की खबरें | उच्चतम न्यायालय से राहत के बाद अर्नब ने सत्र अदालत से जमानत याचिका वापस ली
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के मामले में रायगढ़ जिले में अलीबाग की सत्र अदालत से अपनी जमानत याचिका बृहस्पतिवार को वापस ले ली।
मुंबई, 12 नवंबर पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के मामले में रायगढ़ जिले में अलीबाग की सत्र अदालत से अपनी जमानत याचिका बृहस्पतिवार को वापस ले ली।
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक को चार नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा बुधवार को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद उन्हें तलोजा जेल से रिहा कर दिया गया। अर्नब को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। न्यायालय ने मामले में दो अन्य आरोपियों को भी अंतरिम जमानत दे दी थी।
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गोस्वामी ने अलीबाग में सत्र अदालत के समक्ष सोमवार को नियमित जमानत याचिका दायर की थी। आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने का मामला अलीबाग में ही दर्ज है।
बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को अर्नब को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने राहत के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
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गोस्वामी के वकील गौरव पारकर ने कहा कि ‘‘हमने सत्र अदालत से जमानत याचिका वापस ले ली है।’’
बहरहाल, बृहस्पतिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर जी मालेशेट्टी ने अलीबाग पुलिस द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई 23 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। पुलिस ने गोस्वामी और अन्य आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजने से इनकार किए जाने और आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के स्थानीय मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी थी।
सत्र अदालत 23 नवंबर को मामले में दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नीतीश सारदा द्वारा दाखिल नियमित जमानत याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी।
आरोपियों के वकीलों ने सत्र अदालत से कहा कि चूंकि तीनों को पहले ही अंतरिम जमानत मिल गयी है इसलिए पुनरीक्षण याचिका निरर्थक है । इस पर अभियोजन ने कहा कि अदालत पुनरीक्षण याचिका पर अब भी आदेश जारी कर सकती है ।
पुलिस ने अपनी याचिका में सत्र अदालत से तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया है।
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