मुंबई, 31 मार्च साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक गवाह शुक्रवार को यहां एक विशेष अदालत के सामने अपने बयान से मुकर गया। इस गवाह ने कथित तौर पर घटना से कुछ दिन पहले आरोपी के लिए एक होटल में कमरा बुक कराया था।
वह इस मामले में बयान से मुकरने वाला 32वां गवाह बन गया है। इस मामले में भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर प्रमुख अभियुक्तों में से एक हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक होटल में काम करने वाले गवाह ने आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को दिए अपने बयान में दावा किया था कि उसने मामले के आरोपियों के लिए कमरे बुक किए थे।
हालांकि, शुक्रवार को एनआईए के विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी के समक्ष अपने बयान के दौरान, गवाह ने कहा कि उसे याद नहीं है कि उसने जांच एजेंसी को क्या बताया था, जिसके बाद अदालत ने उसे बयान से मुकरा हुआ गवाह घोषित कर दिया।
अदालत ने अब तक 307 गवाहों का परीक्षण किया है।
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के जांच अपने हाथ में लेने से पहले एटीएस ने शुरू में मामले की जांच की थी।
मामले में ठाकुर और कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत कुल सात आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)