बदायूं (उप्र), एक दिसंबर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के विशेषज्ञों द्वारा किए गए फॉरेंसिक परीक्षण में एक व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर डुबोकर मारे गए चूहे की मौत का कारण ‘फेफड़े में संक्रमण’ निकला है।
बदायूं के पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने पिछले सप्ताह बदायूं के बिजली उपकेंद्र के पास मनोज कुमार नाम के व्यक्ति को चूहे की पूंछ में धागे से पत्थर बांधने के बाद उसे नाले में फेंकते देखा था। शर्मा ने तब चूहे को बचा लिया था, लेकिन उसकी बाद में वह मर गया था।
बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में शनिवार को चूहे के शव का फॉरेंसिक जांच की गई। बरेली स्थित आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक (जेडी) केपी सिंह ने कहा, ‘‘चूहे की फॉरेंसिक जांच दो पशु चिकित्सकों की टीम ने किया। जांच में चूहे के फेफड़े सूजे हुए पाए गए. हमारे विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे कि चूहे की मौत ‘फेफड़े के संक्रमण के कारण श्वास लेने में बाधा के कारण’ हुई है ।
इस बीच, पुलिस उपाधीक्षक (नगर) आलोक मिश्रा ने कहा, ‘‘हमें अभी तक कोई फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिली है। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपी मनोज को जमानत पर छोड़ दिया गया था। रिपोर्ट की समीक्षा के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।’’
विकेंद्र शर्मा की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने मृत चूहे को सीलकर बदायूं के पशु चिकित्सालय में भिजवाया था, लेकिन वहां के कर्मचारियों ने संसाधनों के अभाव में फॉरेंसिक जांच करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद मृत चूहे को फॉरेंसिक जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया था।
शर्मा की ओर से बदायूं कोतवाली में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई तो पुलिस ने मनोज को कोतवाली बुलाकर पूछताछ की थी। आरोपी मनोज कुमार के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 429 (किसी भी जीव जंतु का वध) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उसको थाने से ही जमानत दे दी गयी थी।
सं जफर
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