विदेश की खबरें | अमेरिका ने कहा तालिबान को कूटनीतिक मान्यता देने के लिए उससे सिर्फ ‘बातें नहीं, काम’ चाहता है

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिका ने कहा है कि तालिबान को कूटनीतिक रूप से मान्यता देने के लिए वह संगठन से “बातें नहीं, काम की’’ और जताई गई प्रतिबद्धताओं पर “खरा उतरने’’ की उम्मीद करता है।

वाशिंगटन, 28 अगस्त अमेरिका ने कहा है कि तालिबान को कूटनीतिक रूप से मान्यता देने के लिए वह संगठन से “बातें नहीं, काम की’’ और जताई गई प्रतिबद्धताओं पर “खरा उतरने’’ की उम्मीद करता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहा कि तालिबान ने साफ कर दिया है कि ‘‘वे चाहते हैं कि अफगानिस्तान में अमेरिका की राजनयिक उपस्थिति बनी रहे।”

प्राइस ने कहा कि, ‘‘ उन्होंने स्पष्ट तौर पर और खुल कर कहा है कि वे चाहते हैं कि अन्य देश अपने राजनयिक मिशनों को वहां बरकरार रखें।” साथ ही कहा कि तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा था कि, “हम उन दूतावासों की सराहना करते हैं जो खुले हैं और बंद नहीं हुए हैं। हम उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।”

प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने अभी तक इस मुद्दे पर फैसला नहीं लिया है, लेकिन "यह एक ऐसी चीज है जिस पर हम अपने भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं,और यहां भी इसके बारे में सोच रहे हैं"।

उन्होंने कहा, “हम आज उनको जवाब देने के लिए तैयार नहीं हैं, खासकर इसलिए कि हमने तालिबान के कई बयान सुने हैं। इनमें से कुछ सकारात्मक रहे हैं, कुछ रचनात्मक रहे हैं, लेकिन अंततः हम जो तलाश रहे हैं और हमारे अंतर्राष्ट्रीय साझेदार जो खोज रहे हैं वह काम है, सिर्फ बातें नहीं।”

प्राइस ने कहा, “भविष्य में किसी भी राजनयिक उपस्थिति, मान्यता के किसी भी प्रश्न, सहायता के किसी भी प्रश्न को लेकर हम जिस बात पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं वह - कही गई बातों का अनुसरण है और कर्म हैं केवल बातें नहीं।”

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