विदेश की खबरें | बांग्लादेश में बढ़ते चरमपंथ पर अमेरिका चिंतित: व्हाइट हाउस की पूर्व अधिकारी

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श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वाशिंगटन, 15 नवंबर व्हाइट हाउस की एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में बढ़ते चरमपंथ को लेकर अमेरिका में गंभीर चिंताएं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसे अच्छी तरह से नियंत्रित किया था।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पूर्व उप सहायक और 2017 से 2021 तक दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक पद पर सेवाएं दे चुकीं लीजा कर्टिस ने यह बात कही।

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने और राजनीतिक व्यवस्था में सुधार के प्रयासों से बहुत उम्मीद है। लोगों को उम्मीद है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।"

कर्टिस ने पीटीआई को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ लेकिन बहुत चिंता भी है। कुछ इस्लामी चरमपंथियों को जेलों से रिहा कर दिया गया है। अल्पसंख्यकों, हिंदुओं, ईसाइयों पर कुछ हमले हुए हैं।’’

कर्टिस ने कहा, ‘‘हमने बांग्लादेश में आतंकवाद का इतिहास देखा है। 2016 में होली (आर्टिसन) बेकरी पर हमला हुआ था। यह बहुत गंभीर घटना थी। बांग्लादेश में आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) के कुछ आतंकवादी मौजूद थे। शेख हसीना ने बांग्लादेश में चरमपंथी समस्या को नियंत्रित करने में अच्छा काम किया।’’

उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर चिंता है कि ये लोग राजनीतिक परिदृश्य में वापस आ जाएंगे, जो बांग्लादेश के लिए ठीक नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे क्षेत्र, अमेरिका या किसी के लिए भी मददगार नहीं होगा। हम बांग्लादेश में एक नाजुक दौर से गुज़र रहे हैं। इसलिए भले ही यह ट्रंप की पहली प्राथमिकता न हो, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी टीम, उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को इस बात पर ध्यान देना होगा कि (वहां) क्या हो रहा है।’’

कर्टिस ने यह भी कहा कि आने वाले प्रशासन को भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए क्योंकि भारत को भी बांग्लादेश के भविष्य को लेकर चिंता है और पड़ोसी होने के नाते उस पर सबसे अधिक असर पड़ता है।

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