न्यूयॉर्क, 26 अप्रैल अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली भारतीय मूल की एक छात्रा समेत दो विद्यार्थियों को परिसर में फलस्तीन के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उनके परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।
अचिंत्य शिवलिंगन कोयंबटूर में जन्मी और कोलम्बस में पली-बढ़ी हैं। विश्वविद्यालय की एक प्रवक्ता ने बताया कि अचिंत्य को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश से रोक दिया गया है और अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा रही है।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने बृहस्पतिवार सुबह करीब सात बजे मैककॉश के प्रांगण में फलस्तीन के समर्थन में टेंट लगाकर डेरा डाल लिया। साप्ताहिक कॉलेज पत्रिका ‘प्रिंसटन एलुमनी’ ने अपनी खबर में बताया है कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों की चेतावनी के बाद प्रिंसटन के दो विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया और टेंट को हटा दिया गया, लेकिन अन्य प्रदर्शनकारियों ने धरना जारी रखा।
प्रदर्शनकारी छात्र मांग कर रहे हैं कि कॉलेज इजराइल के साथ अपने वित्तीय संबंध खत्म कर दे और उन कंपनियों से अपना नाता तोड़ ले जो गाजा संघर्ष को बढ़ावा दे रही हैं।
कुछ यहूदी छात्रों का कहना है कि प्रदर्शन की वजह से यहूदी विरोधी माहौल बन गया है, जिससे परिसर में जाने पर भी डर लग रहा है।
विद्यार्थियों द्वारा टेंट लगाए जाने के बाद प्रिंसटन पब्लिक सेफ्टी (पीसेफ) ने प्रदर्शनकारियों को पहली चेतावनी जारी की है। कम से कम दो छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। दैनिक कॉलेज अखबार ‘प्रिंसटोनियन’ ने खबर में बताया कि गिरफ्तारी के बाद विद्यार्थियों ने टेंट हटा लिया।
पहला टेंट लगाने की कवायद के छह मिनट के भीतर ही दोनों विद्यार्थियों- अचिंत्य शिवलिंगम और हसन सैयद को गिरफ्तार कर लिया गया।
विश्वविद्यालय की प्रवक्ता जेनिफर मॉरिल ने कहा, ‘‘दो विद्यार्थियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने तक तत्काल प्रभाव से परिसर में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।’’
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