उदयपुर, 15 मई कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ संपर्क स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताते हुए रविवार को कहा कि राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप गठबंधन का विकल्प उसने खुला रखा है।
कांग्रेस कार्य समिति ने जिस ‘उदयपुर नवसंकल्प’ को स्वीकृति प्रदान की है उसमें गठबंधन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही ‘फर्जी राष्ट्रवाद’, ध्रुवीकरण और सुरक्षा के मुद्दों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा गया है।
इस नवसंकल्प में कहा गया है कि ‘‘भारतीय राष्ट्रवाद’’ ही कांग्रेस का मूल चरित्र है और इसके विपरीत, भाजपा का छद्म राष्ट्रवाद सत्ता की भूख पर केंद्रित है। हर कांग्रेसजन का कर्तव्य है कि वह इस अंतर को जन-जन तक पहुंचाए।
कांग्रेस ने आरोप लगाया, ‘‘आज सत्तासीन दल द्वारा भारतीय संविधान, उसमें निहित सिद्धांतों व अधिकारों तथा बाबा साहेब आंबेडकर की सोच पर षडयंत्रकारी हमला बोला गया है। संवैधानिक अधिकारों पर आक्रमण का पहला आघात देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं व गरीबों को पहुंचा है।’’
उसने कहा, ‘‘ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संकल्प है कि सभी कांग्रेसजन गांधीवादी मूल्यों व नेहरू जी के आज़ाद भारत के सिद्धांत की रक्षा हेतु हर हालत में संघर्षरत रहेंगे।’’
कांग्रेस के अनुसार, वह ‘विघटनकारी ताकतों’ का मुकाबला करने के लिए संगठन के साथ-साथ सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, गैर सरकारी संगठनों, ट्रेड यूनियन, थिंक टैंक व सिविल सोसायटी समूहों से व्यापक संपर्क और संवाद स्थापित करेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति की सिफारिश के आधार पर तैयार नवसंकल्प में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीयता की भावना व प्रजातंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस सभी समान विचारधारा के दलों से संवाद व संपर्क स्थापित करने को कटिबद्ध है तथा राजनैतिक परिस्थितियों के अनुरूप जरूरी गठबंधन करने के रास्ते खुले रखेगी।’’
पार्टी ने सीमा पर चीन की आक्रामकता को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा, ‘‘इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित न होना व प्रधानमंत्री की रहस्यमयी चुप्पी देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। कई दौर की वार्ता के बावजूद चीन द्वारा भारत की सरजमीं से अनधिकृत कब्जा न छोड़ना अपने आप में भारत की अखंडता को चुनौती है। भाजपा द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से किया जा रहा यह खिलवाड़ अस्वीकार्य है।’’
उसने यह भी कहा कि राजनीतिक स्वार्थों हेतु असम-मिज़ोरम-मेघालय सीमा विवाद, नागालैंड - मणिपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का लंबे समय तक बंद रहना, रहस्यमयी नागा शांति समझौते का 2019 से क्रियान्वयन न हो पाना व पूरे उत्तर-पूर्व में सत्ता प्राप्ति हेतु सामाजिक व राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा कर देना भाजपा की नाकामियों को दर्शाता है।
कांग्रेस ने दावा किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर से पूर्ण राज्य का दर्जा छीन लेना, प्रांत को केंद्र शासित दर्जे में तब्दील कर देना, प्रांतीय विधानसभा की बहाली न कर चुनाव न करवाना, लोगों से वोट का अधिकार छीन लेना, त्रुटिपूर्ण परिसीमन लागू करना, अस्थिरता व असुरक्षा के माहौल के चलते उग्रवादियों द्वारा सुरक्षा बलों व कश्मीरी पंडितों सहित हजारों मासूम नागरिकों को निशाना बनाकर उनकी हत्या किया जाना, अपने आप में केंद्र सरकार की गंभीर नाकामी का परिचायक है।’’
उसने कहा, ‘‘हम भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा देश में सांप्रदायिक विभाजन फैलाने के एजेंडा की निंदा करते हैं। कांग्रेस धर्म, , जाति, रंग व क्षेत्रवाद के आधार पर अल्पसंख्यकों, गरीबों व वंचितों को निशाना बना वोट बटोरने की राजनीति का सिरे से खंडन करती है।’’
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