देश की खबरें | दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर बृहस्पतिवार की सुबह ‘गंभीर’ श्रेणी के नजदीक पहुंच गया।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर बृहस्पतिवार की सुबह ‘गंभीर’ श्रेणी के नजदीक पहुंच गया।

हवा की गति धीमी होने और पराली इत्यादि जलाने की घटनाएं बढ़ने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी गई।

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केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली की ओर से कहा गया कि बुधवार को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई जिसके कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य भागों में वायु गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

प्रणाली के अनुसार पंजाब में पराली जलाने की लगभग तीन हजार घटनाएं सामने आई।

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शहर में पूर्वाह्न 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 397 दर्ज किया गया।

चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 297, मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था।

शादीपुर (405), पटपड़गंज (411), जहांगीरपुरी (429) और विवेक विहार (432) समेत 16 निगरानी स्टेशनों पर एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।

उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि बुधवार को हवा की गति कम थी, जिसके कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो गए।

उन्होंने कहा, “कुछ समय की राहत के बाद शाम तक वायु गुणवत्ता पुनः बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई।”

नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब के अधिकांश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के अनुसार दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 के संकेंद्रण में पराली जलाने का योगदान बुधवार को 18 प्रतिशत था।

हवा की गति धीमी होने और कम तापमान के कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो जाते हैं और हवा की रफ्तार तेज होने से वे बिखर जाते हैं।

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