
नयी दिल्ली, 10 फरवरी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को यूट्यूब से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एवं यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ ‘‘तत्काल कार्रवाई’’ करने और उस एपिसोड को हटाने को कहा, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने अपने पत्र में कहा कि आयोग को एक शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि समय रैना द्वारा प्रस्तुत यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' में भारतीय समाज के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक, अनुचित और अश्लील टिप्पणियां हैं।
यह पत्र भारत में यूट्यूब के सार्वजनिक नीति प्रमुख को लिखा गया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘शिकायत में शो में नकारात्मकता, भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण, धार्मिक और सांस्कृतिक असहिष्णुता, तथा महिलाओं और बच्चों के प्रति अपमानजनक और अश्लील विचारधाराओं के प्रचार-प्रसार के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में शो भ्रामक संदेशों के साथ अश्लील सामग्री का प्रसार करता है, जिससे समाज में भ्रष्ट मानसिकता को बढ़ावा मिलता है।’’
इसमें लिखा है कि यह सामग्री भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम और अन्य लागू कानूनों के तहत विभिन्न कानूनी प्रावधानों का ‘‘प्रथम दृष्टया उल्लंघन करती प्रतीत होती है।’’
पत्र में कहा गया कि इसके अलावा, यह आरोप लगाया गया है कि यह शो भारत के संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता और महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा और सम्मान से संबंधित मौलिक अधिकारों का ‘‘गंभीर उल्लंघन’’ करता है।
इसमें कहा गया कि शिकायत की एक प्रति पत्र के साथ संलग्न की गई है। कानूनगो ने पत्र में लिखा, ‘‘इसके अतिरिक्त, आयोग को कुछ लिंक मिले हैं जो संकेत देते हैं कि उक्त शो के एक हालिया एपिसोड में यूट्यूबर्स बच्चों और महिलाओं के बारे में अश्लील और स्पष्ट बयान दे रहे हैं। ये बयान न केवल बेहद आपत्तिजनक हैं, बल्कि महिला और बाल अधिकारों का गंभीर उल्लंघन भी हैं। यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक सहित व्यापक रूप से सुलभ मंचों पर ऐसी सामग्री की उपलब्धता महिलाओं सहित बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।’’
उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने ‘‘मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 12 के तहत इस मुद्दे का संज्ञान लिया है।’’
पत्र में कहा गया, ‘‘उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए, आपको यूट्यूब से संबंधित एपिसोड/वीडियो को हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है। ऐसी सामग्री को हटाने से पहले, आपको आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को चैनल और विशिष्ट वीडियो का विवरण भी प्रस्तुत करना होगा, जहां प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’
आयोग ने कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है।
आज के युवाओं के बीच अपनी आक्रामक विषय-वस्तु के कारण लोकप्रिय कॉमेडी रियलिटी शो में इलाहबादिया ने एक प्रतिभागी से माता-पिता और सेक्स पर एक प्रश्न पूछा, जिसकी कई लोगों ने आलोचना की और जिसके कारण पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई।
इलाहबादिया ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक माफीनामे वाले वीडियो में स्वीकार किया कि उनकी टिप्पणी न केवल अनुचित थी, बल्कि मजाकिया भी नहीं थी।
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