मुंबई, 4 अक्टूबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने महानगर में जल संकट के लिए शिवसेना (यूबीटी) को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने ही महंगे विलवणीकरण (डीसैलिनेशन) संयंत्रों के वास्ते कई नियोजित बांध परियोजनाएं रद्द कर दी थीं. आदित्य ठाकरे महा विकास आघाडी (एमवीए) की पूर्ववर्ती सरकार में पर्यावरण मंत्री थे. महाराष्ट्र विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होने से पहले शेलार कई कार्यकाल तक बृह्नमुंबई महानगरपालिका के पार्षद रहे. उन्होंने कहा कि शहर के कई हिस्से (जलापूर्ति में) निम्न दाब की समस्या का सामना कर रहे हैं.
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ गत 10 साल में नगर निकाय द्वारा किसी नये बांध का निर्माण नहीं किया गया न ही कोई नयी व्यवस्था की गई. इसके विपरीत गरगई बांध परियोजना रद्द कर दी गई ओर समुद्र जल के विलवणीकरण की परियोजना को आगे बढ़ाया गया, लेकिन यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी.’’ उल्लेखनीय है कि बीएमसी पर 1997 से 2022 तक लगातार 25 साल तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली अविभाजित शिवसेना का कब्जा रहा है और लंबे समय तक शेलार की पार्टी भाजपा भी शिवसेना की सहयोगी रही है. यह भी पढ़ें : बस मार्शल की बहाली को लेकर आप, भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर
भाजपा विधायक ने कहा कि 1990 के उत्तरार्ध में माधवराव चिताले के नेतृत्व वाली समिति ने मुंबई के लिए तीन बांध गरगई, पीनाजल और मध्य वैतरणी बनाने का प्रस्ताव किया. उन्होंने रेखांकित किया कि मध्य वैतरणी का निर्माण कार्य 2014 में पूरा हुआ लेकिन उसके बाद से कोई नयी परियोजना शुरू
नहीं की गई. शेलार ने कहा कि गरगई बांध परियोजना को मंजूरी को लेकर काम शुरू हुआ था, लेकिन जब ठाकरे पर्यावरण मंत्री तो इसे रद्द कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारों को लाभ पंहुचाने के लिए 4,400 करोड़ रुपये की विलवणीकरण परियोजना शुरू की गई जिसकी लागत बाद में बढ़कर आठ हजार करोड़ रुपये हो गयी.