जरुरी जानकारी | अदाणी ने पेट्रोरसायन क्षेत्र में दस्तक देने को थाइलैंड की इंडोरामा के साथ गठजोड़ किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाले समूह ने पेट्रोरसायन कारोबार में दस्तक देने के लिए थाइलैंड की इंडोरामा रिसोर्सेज लि. के साथ गठजोड़ किया है। बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार से जुड़ा समूह ने संबंधित क्षेत्र में विस्तार के मकसद से यह कदम उठाया है।

नयी दिल्ली, छह जनवरी उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाले समूह ने पेट्रोरसायन कारोबार में दस्तक देने के लिए थाइलैंड की इंडोरामा रिसोर्सेज लि. के साथ गठजोड़ किया है। बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार से जुड़ा समूह ने संबंधित क्षेत्र में विस्तार के मकसद से यह कदम उठाया है।

अदाणी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लि. की अनुषंगी अदाणी पेट्रोकेमिकल्स लि. ने थाइलैंड की इंडोरामा रिसोर्सेज लि. के साथ वेलोर पेट्रोकेमिकल्स लि. (वीपीएल) नाम से संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली है।’’

संयुक्त उद्यम में अदाणी पेट्रोकेमिकल्स और इंडोरामा की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

अदाणी पेट्रोकेमिकल्स को चरणबद्ध तरीके से रिफाइनरी, पेट्रो रसायन परिसर, विशेष रसायन इकाइयों, हाइड्रोजन और संबंधित रसायन संयंत्रों और अन्य संबंधित इकाइयों को स्थापित करने के लिए गठित किया गया है।

समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने 2022 में कहा था कि समूह गुजरात में पेट्रोरसायन परिसर में चार अरब डॉलर से अधिक का निवेश करना चाहता है।

कंपनी की पहली परियोजना 20 लाख टन क्षमता की पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड) इकाई है। इसका निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। पहले चरण में 2026 तक 10 लाख टन क्षमता का पीवीसी संयंत्र का विकास किया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण में 2027 के शुरू में इतनी ही क्षमता की इकाई चालू की जाएगी।

अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होने के बाद पॉलीविनाइल क्लोराइड संयंत्र के निर्माण में देरी हुई। परियोजना को वित्तीय चिंताओं के कारण मार्च, 2023 में रोक दिया गया था लेकिन जुलाई, 2023 में काम फिर से शुरू हुआ।

अदाणी पेट्रोकेमिकल्स गुजरात के मूंदड़ा में एक पेट्रोरसायन संकुल विकसित कर रही है। इसमें पीवीसी संयंत्र भी शामिल है। संयंत्र के निर्माण में कुल लागत लगभग 35,000 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसके देश की सबसे बड़ी पीवीसी विनिर्माण सुविधा होने की उम्मीद है।

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