देश की खबरें | लालू-राबड़ी के खिलाफ कार्रवाई: तेजस्वी को लगता है सीबीआई ने गलत किया, तो वह अदालत जा सकते हैं:भाजपा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को चुनौती दी कि यदि उन्हें लगता है कि सीबीआई उनके अभिभावकों लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के खिलाफ गलत काम कर रही है तो वह ‘‘सबूत के साथ’’ अदालत का रुख कर सकते हैं।
पटना, 21 मई बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को चुनौती दी कि यदि उन्हें लगता है कि सीबीआई उनके अभिभावकों लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के खिलाफ गलत काम कर रही है तो वह ‘‘सबूत के साथ’’ अदालत का रुख कर सकते हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) द्वारा तेजस्वी यादव के माता-पिता के दिल्ली और पटना स्थित आवासों पर छापेमारी किये जाने के एक दिन बाद, भाजपा ने यादव को यह याद दिलाने की कोशिश भी की कि प्रसाद की कानूनी मुश्किलें केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग शासन के दौरान शुरू हुई थी।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लंदन में हैं। उन्होंने अपने माता-पिता के नये मामले में फंसने के बारे में जानकारी होने के बाद ट्विटर पर आक्रोश व्यक्त किया।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री यादव ने ट्वीट किया, ‘‘ऐ हवा, जाकर तुम कह दो दिल्ली के दरबारों से, नहीं डरा है, नहीं डरेगा लालू इन सरकारों से।’’
हालांकि यादव ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन भाजपा प्रवक्ता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘हम समझते हैं कि लालू जी वृद्ध और बीमार हैं और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं, लेकिन तेजस्वी को याद रखना चाहिए कि उनके पिता की मुसीबत तब शुरू हुई थी जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार सत्ता में थी।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा उस समय विपक्ष में थी और उसने चारा घोटाले को ‘‘उजागर’’ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
आनंद ने कहा, ‘‘हालांकि पहली दोषसिद्धि जिसके तहत लालू जी को अयोग्य ठहराया गया, वह भी 2013 में हुई जब कांग्रेस सत्ता में थी। तब से, सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में काम कर रही है।’’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर तेजस्वी यादव को अभी भी लगता है कि केंद्रीय एजेंसी कुछ अनुचित कर रही है, तो ‘‘उन्हें सबूत इकट्ठा करना चाहिए और संबंधित अदालत के समक्ष अपनी दलीलें देनी चाहिए। उम्मीद है कि उन्होंने न्यायपालिका में विश्वास नहीं खोया है।’’
रेलवे भर्ती घोटाले के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई नयी प्राथमिकी प्रसाद के रेल मंत्री के तौर पर कार्यकाल के समाप्त होने के 13 साल बाद सामने आयी है।
राजद पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता खुले तौर पर आरोप लगाते रहे हैं कि सीबीआई की यह कार्रवाई भाजपा द्वारा ‘‘प्रायोजित’’ है जो केंद्र की सत्ता में है।
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