झारखंड के धनबाद जिले से 21 मार्च को यहां बारात आई थी. लॉकडाउन की वजह से दूल्हा और दुल्हन दोनों यहीं फंस गए. गांव वालों का कहना है कि ये ऐसी शादी है जो गांव का कोई भी व्यक्ति भूल नहीं पाएगा. सावित्री के माता पिता और परिवार के अन्य लोग विवाह में आए मेहमानों का तीन हफ्ते से ख्याल रख रहे हैं और यह उनके लिए परीक्षा की घड़ी है.
मेहमानों के लिए जिला प्रशासन एक समय के भोजन का प्रबंध कर रहा है जबकि उनके खाने-पीने का बाकी इंतजाम सावित्री के माता-पिता और गांव वाले देख रहे हैं. सभी मेहमानों का कोरोना वायरस की जांच की गई और सभी के नतीजे निगेटिव रहे. बारातियों ने बताया कि उन्हें जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि यहां पर इतना रुकना पड़ जाएगा.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)