देश की खबरें | संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को बेवजह राजनीति में न घसीटा जाए: धनखड़
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जयपुर, 10 अक्टूबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को बेवजह राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करना ठीक नहीं है।
धनखड़ के इस बयान को एक तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उन टिप्पणियों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है जो उन्होंने उपराष्ट्रपति के बार-बार राजस्थान के दौरे पर आने को लेकर की थी।
गहलोत ने 28 सितंबर को कहा था कि वह उपराष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन चुनावी माहौल में उनके दौरों से कई तरह के संदेश जाएंगे जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं होगी।
राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
धनखड़ ने शुक्रवार को लक्ष्मणगढ़ में एक निजी विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में कहा,‘‘मैं यहां पर आया हूं। यह कोई गलत काम थोड़े ही है? पहले भी कई जगह गया पर कुछ लोगों ने कहा कि आप बार-बार क्यों आते हैं। मुझे समझ में नहीं आता है कि आप ‘बार-बार’ की बात क्यों कह रहे हैं? मैं थोड़ा अचंभित हो गया क्योंकि कहने वाले न तो संविधान को पढ़ा, न कानून को पढ़ा, न अपने पद की मर्यादा रखी।’’
उन्होंने कहा , ‘‘ ऐसा कहने वाले थोड़ा सोच लेते, कानून में झांक लेते तो उनको पता लग जाता कि भारत के उपराष्ट्रपति की कोई भी यात्रा अचानक नहीं होती है। बड़े विचार मंथन के बाद यात्रा होती है।’’
धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात से पीड़ा है कि उन्हें इस मामले में क्यों घसीटा गया जबकि उनका काम तो संविधानसम्मत है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सत्ता (अथॉरिटी) के लोगों से यह अपेक्षा नहीं करता कि वे संवैधानिक पदों को 'गैर-गंभीरता' से लेगें। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। संवैधानिक पदों का सम्मान होना चाहिए और हम सभी को एकजुटता, सहयोग और समन्वय के साथ सर्वसम्मत दृष्टिकोण से लोगों की सेवा करनी है।’’
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