कोलकाता, 10 अप्रैल वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ बृहस्पतिवार को कोलकाता के रामलीला मैदान में एक विशाल विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान पश्चिम बंगाल के मंत्री और जमीयत-ए-उलेमा हिंद के प्रदेश अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने घोषणा की कि कानून को निरस्त करने की मांग करते हुए “एक करोड़ हस्ताक्षरों” वाला एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपा जाएगा।
जमीयत की प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ी और ईसाइयों व सिखों ने भी इसमें भाग लिया।
चौधरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “2014 में सरकार बनाने के बाद, भाजपा ने 1,159 अधिनियमों को निरस्त कर दिया। इसलिए, वक्फ (संशोधन) अधिनियम को रद्द करना पूरी तरह से संभव है।”
उन्होंने कहा कि संगठन पूरे राज्य से “एक करोड़ हस्ताक्षर” एकत्र करेगा और जन-आंदोलन अभियान के तहत उन्हें प्रधानमंत्री को सौंपेगा।
चौधरी ने कहा, "हम जिले-दर-जिले, शहर-दर-शहर जाएंगे और हस्ताक्षर एकत्र करेंगे और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी को सौंपेंगे। जन आंदोलनों के माध्यम से पहले भी कानूनों को निरस्त किया गया है और हमें विश्वास है कि यह कानून भी निरस्त हो जाएगा।"
उन्होंने यह घोषणा भी की कि जमीयत इस अधिनियम के खिलाफ कानूनी लड़ाई में मदद के लिए चंदा अभियान शुरू करेगी।
पूर्व बर्धमान के मंगलकोट से विधायक चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर नए कानून के जरिए मुस्लिम समुदाय को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया।
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