नयी दिल्ली, 6 जून : लोकसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों में कुल 74 महिलाएं चुनी गईं जबकि 2019 के आम चुनाव में यह संख्या 78 थी. देश भर से निचले सदन के लिए चुनी गईं कुल महिला सांसदों में से पश्चिम बंगाल 11 महिलाओं के साथ सबसे आगे है. कुल 797 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा ने सबसे अधिक 69 को और कांग्रेस ने 41 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था. संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद यह पहला चुनाव है. इस कानून में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है.
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, इस बार भाजपा की 30 महिला उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव जीता, कांग्रेस की 14, तृणमूल कांग्रेस की 11, समाजवादी पार्टी की चार, द्रमुक की तीन और जनता दल (यूनाइटेड) और लोजपा (आर) की दो-दो महिला उम्मीदवार जीतीं. सत्रहवीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या सबसे अधिक 78 थी, जो कुल संख्या का 14 प्रतिशत थी. 16वीं लोकसभा में 64 महिलाएं सदस्य थीं जबकि 15वीं लोकसभा में यह संख्या 52 थी. यह भी पढ़ें : Punjab: ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी, भिंडरावाले के पोस्टर भी दिखे | Video
भाजपा की हेमा मालिनी, तृणमूल की महुआ मोइत्रा, राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने लोकसभा चुनाव में अपनी सीटें बरकरार रखीं जबकि कंगना रनौत और मीसा भारती जैसी उम्मीदवारों ने अपनी जीत से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.म मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की 25 वर्षीय उम्मीदवार प्रिया सरोज और कैराना सीट से 29 वर्षीय इकरा चौधरी जीत हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की उम्मीदवारों में शामिल हैं.