देश की खबरें | मुंबई में बिस्तर पर आश्रित 602 लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगाया गया : बीएमसी ने अदालत में कहा

मुंबई, पांच अगस्त बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि बिस्तर पर आश्रित 4,715 लोगों ने अभी तक कोविड-19 रोधी टीका घर पर लगवाने के लिए पंजीकरण कराया है और उनमें से 602 लोगों को उनके घर पर टीके की खुराक दे दी गयी है।

बीएमसी की ओर से पेश वकील अनिल सखारे ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ से कहा कि लोगों के सामने केवल एक बाधा चिकित्सा विशेषज्ञ से फिटनेस प्रमाणपत्र लेने की है।

बीएमसी ने बिस्तर पर आश्रित लोगों के लिए टीकाकरण अभियान 30 जुलाई को शुरू किया।

सखारे ने अदालत को बताया कि चार अगस्त तक नगर निकाय को घर पर टीका लगवाने के लिए 4,715 लोगों से आवेदन मिला। उन्होंने बताया, ‘‘बुधवार तक बिस्तर पर आश्रित 602 लोगों को उनके घर में टीके की खुराक दी गयी। एक डॉक्टर और एक नर्स की टीम एंबुलेंस के साथ पंजीकृत लोगों के घर जाती है और उन्हें टीके की खुराक दी जाती है।’’

उन्होंने बताया कि लोगों के सामने केवल एक बाधा है कि उन्हें एक डॉक्टर से फिटनेस प्रमाणपत्र लेना होता है जिसमें यह कहा गया हो कि जिस व्यक्ति को टीका लगाया जाना है वह बिस्तर पर आश्रित रहेगा या अगले छह महीनों तक चल नहीं सकेगा तथा यह व्यक्ति टीके की खुराक लेने के लिए फिट है।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने बिस्तर पर आश्रित और चलने-फिरने में अक्षम लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण की सरकार की नीति अदालत को सौंपी।

अदालत वकील धृति कपाड़िया और कुनाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकारों को 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों खासतौर से दिव्यांग लोगों और बिस्तर या व्हीलचेयर पर आश्रित लोगों के लिए घर-घर जाकर टीका लगाना शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

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