Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंचने पर 58 छात्राएं निलंबित, 15 के खिलाफ मामला दर्ज
Hijab Controversy (Photo Credit : Twitter)

बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) के कई हिस्सों में शनिवार को छात्राएं अपने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (Hijab) पहनकर आईं, लेकिन उन्हें अदालत (Court) के आदेश का हवाला देकर प्रवेश नहीं करने दिया गया. जानकारी के मुताबिक, शिवमोगा जिले के शिरलाकोप्पा में शुक्रवार को प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज प्रशासन (Pre-University College Administration) के विरोध में प्रदर्शन करने और हिजाब हटाने से मना करने पर 58 छात्राओं को निलंबित कर दिया गया. वहीं, हिजाब पहनकर प्रवेश नहीं करने पर कॉलेज (College) प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में तुमकुरु में कम से कम 15 छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. Hijab Controversy: कक्षा में हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी थी छात्राएं, प्रिंसिपल ने 58 लड़कियों को दी निलंबन की धमकी

इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने समस्या के लिए ''बाहरी'' लोगों को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. बोम्मई ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ''बाहरी लोगों द्वारा समस्या पैदा की जा रही है. यह मुद्दा प्रधानाचार्यों, छात्रों और अभिभावकों द्वारा सुलझा लिया जाएगा. माहौल को शांत रखने की आवश्यकता है. मैं राज्य में हो रही सभी गतिविधियों की जानकारी ले रहा हूं.''

तुमकुरु में 'एम्प्रैस गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज' के प्राचार्य एस शनमुखा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कॉलेज के बाहर विरोध-प्रदर्शन करने वाली 15 छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

अपनी शिकायत में प्राचार्य ने कहा कि कॉलेज के आसपास निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद 10-15 मुस्लिम छात्राओं ने प्रदर्शन किया.

उधर, शिवमोगा जिले के शिरलाकोप्पा में शुक्रवार को प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन करने और हिजाब हटाने से मना करने पर 58 छात्राओं को निलंबित कर दिया गया. एक छात्रा ने संवाददाताओं को बताया कि निलंबित की गई छात्राओं को कॉलेज नहीं आने को कहा गया है. शनिवार को भी छात्राएं कॉलेज आईं, हिजाब पहनने के समर्थन में नारे लगाए, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया.

छात्राओं ने कहा, “हम यहां पहुंचे लेकिन प्राचार्य ने हमसे कहा कि हमें निलंबित कर दिया गया है और हमें कॉलेज आने की जरूरत नहीं है. पुलिस ने भी हमसे कॉलेज नहीं आने को कहा था, फिर भी हम आए. आज किसी ने हमसे बात नहीं की.”

वहीं, दावणगेरे जिले के हरिहर में स्थित एसजेवीपी कॉलेज में लड़कियों को हिजाब पहनकर प्रवेश नहीं दिया गया. इस पर छात्राओं ने कहा कि वह हिजाब उतारकर भीतर नहीं जाएंगी और यह उनके लिए शिक्षा के जितना ही महत्वपूर्ण है और वह अपने अधिकार को नहीं छोड़ सकतीं.

बेलगावी जिले के विजय पैरामेडिकल कॉलेज में छात्राओं ने संवाददाताओं को बताया कि हिजाब मुद्दे के कारण संस्थान ने अनिश्चितकाल के लिए अवकाश की घोषणा कर दी है. एक छात्रा ने कहा, “हम हिजाब के बिना नहीं बैठेंगे. कॉलेज को यह समझ में आना चाहिए कि इससे हमारी शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ता है. प्राचार्य हमारी बात नहीं सुन रहीं.”

बल्लारी के सरला देवी कॉलेज और कोप्पल जिले के गंगावती में सरकारी कॉलेज में भी इसी प्रकार की स्थिति देखने को मिली. रामनगर जिले के कुदुर गांव में कुछ छात्राओं को जब कक्षा के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई, तो उन्होंने कॉलेज के मैदान पर विरोध प्रदर्शन किया.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)