देश की खबरें | छत्तीसगढ़ में 400 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर किया था घात लगाकर हमला: सूत्र
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ में तकरीबन 400 नक्सलियों के एक समूह ने उन सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया था, जो एक विशेष अभियान के लिए तैनात एक बड़ी टुकड़ी का हिस्सा थे। नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के कम से कम 22 जवान शहीद हो गए और 30 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को दी।
नयी दिल्ली/रायपुर, चार अप्रैल छत्तीसगढ़ में तकरीबन 400 नक्सलियों के एक समूह ने उन सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया था, जो एक विशेष अभियान के लिए तैनात एक बड़ी टुकड़ी का हिस्सा थे। नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के कम से कम 22 जवान शहीद हो गए और 30 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को दी।
सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों के 1,500 जवानों की टुकड़ी ने बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा के आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना पर दोपहर के बाद तलाशी और नष्ट करने का अभियान शुरू किया था। इस टुकड़ी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशेष इकाई ‘कोबरा’ के जवान, इसकी नियमित बटालियनों की कुछ टीमें, इसकी बस्तरिया बटालियन की एक इकाई, छत्तीसगढ़ पुलिस से संबद्ध जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और अन्य जवान शामिल थे।
एक अधिकारी ने बताया कि वांछित माओवादी कमांडर एवं तथाकथित 'पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के नेता ‘हिडमा’ और उसकी सहयोगी सुजाता के नेतृत्व में कम से कम 400 नक्सलियों के शनिवार को घात लगाकर किये गए हमले में शामिल होने का संदेह है। नक्सलियों द्वारा किया गया यह हमला एक ऐसे क्षेत्र में किया गया जो दुर्गम इलाक़ा, घने जंगल और सुरक्षा बलों के शिविरों की कम संख्या के चलते नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
नक्सलियों ने इस हमले में हल्की मशीन गन (एलएमजी) से गोलियों की बौछार की और कम तीव्रता वाले आईईडी का इस्तेमाल किया, जो शाम तक जारी रहा।
उन्होंने कहा कि नक्सली इस मुठभेड़ में मारे गए अपने करीब 10-12 साथियों को ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर अपने साथ ले गए।
सूत्रों ने कहा कि अभियान के लिए सुरक्षा बलों के जवानों की कुल स्वीकृत संख्या 790 थी और बाकी को सहायक के रूप में साथ लिया गया था।
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने पीटीआई- से कहा, ‘‘गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली जगरगुंडा-जोंगागुड़ा-तर्रेम क्षेत्र में अपना आक्रामक अभियान संचालित कर रहे हैं और इसलिए उन्हें रोकने के लिए छह शिविरों के सुरक्षा बलों की टीमों को तैनात किया गया था।
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