Assam Child Marriage: असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान में 2,278 लोग गिरफ्तार

इसमें कहा गया कि अन्य जिले जहां 100 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं, उनमें बक्सा (123) और बोंगईगांव तथा होजाई (117) शामिल हैं. धुबरी में बाल विवाह के खिलाफ सबसे अधिक 374 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं, होजाई में 255 और मोरीगांव में 224 मामले दर्ज किए गए.

Assam Child Marriage: असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान में 2,278 लोग गिरफ्तार
बाल विवाह (Photo Credits: Twitter)

गुवाहाटी: असम पुलिस (Assam Police) ने लगातार तीसरे दिन राज्य में बाल विवाह (Child Marriage) के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी और गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या रविवार को बढ़कर 2,278 हो गई. पुलिस ने एक बयान में कहा कि गिरफ्तारियां राज्यभर में दर्ज 4,074 प्राथमिकियों के आधार पर की गईं. बयान में कहा गया कि बिश्वनाथ में कम से कम 139, बारपेटा में 130 और धुबरी में 126 व्यक्तियों को पकड़ा गया है.

इसमें कहा गया कि अन्य जिले जहां 100 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं, उनमें बक्सा (123) और बोंगईगांव तथा होजाई (117) शामिल हैं. धुबरी में बाल विवाह के खिलाफ सबसे अधिक 374 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं, होजाई में 255 और मोरीगांव में 224 मामले दर्ज किए गए. Assam Child Marriage: असम में बाल विवाह के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन, 2044 लोग गिरफ्तार, 4000 से ज्यादा केस दर्ज

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा था कि राज्य पुलिस द्वारा बाल विवाह के खिलाफ शुरू किया गया अभियान 2026 में अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा.

राज्य सरकार के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और जिन्होंने 14-18 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों से शादी की है उनके खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे.

शर्मा ने कहा कि नाबालिगों की शादी में शामिल माता-पिता को फिलहाल नोटिस देकर छोड़ा जा रहा है और गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर गैर-जमानती आरोप लगाए जाएंगे, जबकि 14 से 16 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर जमानती धाराओं के तहत आरोप लगाए जाएंगे.

असम के मंत्रिमंडल ने हाल ही में 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि 14-18 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे.

इसने निर्णय लिया कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा तथा यदि वर की आयु 14 वर्ष से कम है तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार, असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है, जिसका प्राथमिक कारण बाल विवाह है. एनएफएचएस के अनुसार, राज्य में औसतन 31 प्रतिशत विवाह प्रतिबंधित आयु वर्ग में होते हैं.

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