त्रिपुरा में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के मामले सामने आने पर 165 सूअरों को मार दिया गया

त्रिपुरा के सेपाहिजाला जिले में सरकारी देबीपुर फार्म और आसपास के क्षेत्रों में 'अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ (एएसएफ) के मामले सामने पर राज्य पशु संसाधन विकास विभाग ने 165 सूअरों को मार डाला. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

त्रिपुरा में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का कहर (Photo Credits: Twitter)

अगरतला, 24 अप्रैल : त्रिपुरा (Tripura) के सेपाहिजाला जिले में सरकारी देबीपुर फार्म और आसपास के क्षेत्रों में 'अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ (ASF) के मामले सामने पर राज्य पशु संसाधन विकास विभाग ने 165 सूअरों को मार डाला. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. देबीपुर फार्म में सूअरों में एएसएफ की पुष्टि होने और केंद्र के निर्देश पर शनिवार को इन जानवरों को खत्म करने का अभियान शुरू हुआ. एआरडी के निदेशक डीके चकमा ने कहा, ''शनिवार को देबीपुर फार्म में 121 सूअरों और उसके बच्चों को मार डाला गया, जबकि 44 सूअरों को एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों में खत्म किया गया.''

उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारियों की मौजूदगी में रविवार तक अभियान पूरा होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि 13 अप्रैल से देबीपुर फार्म में रहस्यमय तरीके से कम से कम 27 सूअरों की मौत हो गई थी, जिसके बाद रक्त के नमूनों को विभाग ने गुवाहाटी में एएसएफ परीक्षण के लिए भेजा था. हाल में, उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (एनईआरडीडीएल), गुवाहाटी ने भेजे गए नमूनों में एएसएफ की पुष्टि की है. यह भी पढ़ें : देश में बीते 10 साल में असुक्षित यौन संबंध के कारण 17 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हुए

चकमा ने कहा कि एहतियात के तौर पर सूअरों और उसके बच्चों की आवाजाही को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रोकने के लिए राज्य भर में अलर्ट जारी कर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सूअर का मांस ठीक से उबालने के बाद मानव उपभोग के लिए उपयुक्त है क्योंकि यह अफ्रीकी स्वाइन बुखार (एएसएफ) है, न कि अफ्रीकी स्वाइन फ्लू

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