इससे पहले सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व के घाटकोहका बफर क्षेत्र में दो अप्रैल को महुआ बीनने गये एक 62 वर्षीय घासीराम की भी बाघ के हमले में मौत हो गई थी। जिले में 48 घंटों के दरमियान बाघ के हमले से यह दूसरी मौत हुई है।
वन मंडल अधिकारी एसकेएस तिवारी ने रविवार को बताया कि शनिवार दोपहर लहंगी गांव निवासी शिवप्यारी विश्वकर्मा (15) अपने दो छोटे भाईयों के साथ महुआ बीनने गांव से लगे जंगल में गई थी। शाम होने पर उसने दोनों छोटे भाईयों को घर पहुंचा दिया और कहा कि वह कुछ देर से लौटेगी। जब वह घर नहीं लौटी तो तो स्वजनों व ग्रामीणों ने जंगल में खोजबीन शुरू की।
तिवारी ने बताया कि देर शाम किशोरी का शव खापा बीट के जंगल में मिला। सूचना मिलने पर अरी पुलिस थाने का दल और वन अमला मौके पर पहुँचा।
उन्होंने बताया कि किशोरी के पिता को दस हजार रुपये की तात्कालिक सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है तथा परिजन को चार लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिये प्रकरण तैयार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि रविवार सुबह शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे स्वजनों को सौंप दिया गया।
तिवारी ने बताया कि घटना के बाद इलाके में वन अमले ने गश्ती बढ़ा दी है। रविवार को सिवनी वन वृत के मुख्य वन संरक्षक आरएस कोरी और वन मंडल अधिकारी ने मौके पर पहुँच कर घटना पर दुख जताया। साथ ही ग्रामीणों को महुआ बीनने के लिए अकेले जंगल जाने से बचने और सतर्क रहने की सलाह
दी।
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