जरुरी जानकारी | रेलवे की ‘रोल आन- रोल आफ’ सेवा को लेकर 10 कंपनियों ने दिखाई रुचि

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नयी दिल्ली, 26 फरवरी रेलवे की माल परिवहन को समर्पित पश्चिमी गलियारा लाइन में न्यू पालनपुर से न्यू रेवाड़ी खंड के बीच ‘‘रोल-आन -- रोल आफ (रो- रो) सेवा के समग्र अधिकार दिये जाने के लिये आयोजित बोली पूर्व सम्मेलन में 10 कंपनियों ने रुचि दिखाई।

यह सम्मेलन शुक्रवार को वीडियो- कन्फ्रेसिंग के साथ साथ रुचि लेने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों की भौतिक उपस्थिति के साथ संपन्न हुआ।

रेलवे की रो- रो सेवा में माल से लदे और खाली ट्रक सीधे रेलवे के सपाट वैगन पर चढ़ जाते हैं और निर्दिष्ट स्टेशन पर ये वाहन मालगाड़ी से उतर कर अंतम गंतव्य को चले जाते हैं।

इससे कारखानों से उनके दरवाजे से माल उठाने की सुविधा के साथ ही माल का त्वरित और सुरक्षित परिवहन किया जा सकेगा। बोली पूर्व के इस सम्मेलन में भाग वाली 10 कंपनियों में कोंकण रेलवे ने भी भाग लिया।

इस सेवा के अधिकार देने के लिये डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर कापोर्रेशन आफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) ने 16 फरवरी को प्रसताव के लिये आग्रह (आरएफपी) को जारी किया था।

डीएफसीसीआईएल की जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस तरह की पहल से माल परिवहन और इससे जुड़े सभी पक्षों को फायदा होगा। इसका लाभ भारत रेल के साथ ही डीएफसीसीआईएल के ग्राहकों को भी होगा।

इसके मुताबिक वर्तमान में रेवाड़ी और पालनपुर के बीच रोजाना 2,500 से 3,000 ट्रक चलते हैं। ऐसे में रो- रो सेवा का अधिकार पाने वाले लाइसेंसधारक को 45 बीआरएन वैगन वाली दो माल गांडियां चलायेगा हर रैक (मालगाड़ी) साल में 450 फेरे लगाएगा। प्रत्येक फेरे में 45 ट्रक की पेशकश की गयी है। निविदा के लिए आरक्षित मूल्य नौ लाख रुपये और न्यूनतम अनुबंध मूल्य 81 करोड़ रुपये रखा गया है।

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