मॉस्को में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कूटनीति की तनी हुई रस्सी पर चलना है. दुनिया को शांति का संदेश देने के साथ ही उन्हें यूक्रेन युद्ध में आपराधिक आरोप झेल रहे रूसी राष्ट्रपति के साथ संबंधों को मजबूत भी करना है.राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद पहली विदेश यात्रा पर मॉस्को जा रहे शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते ही ईरान और सऊदी अरब के बीच समझौता कराने में सफलता पाई है. अब उन्हें दुनिया में अलग थलग पड़ रहे पुतिन के साथ "सीमा-रहित" दोस्ती को आगे ले जाना है.
डेंग शियाओपिंग के बाद चीन में सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे शी जिनपिंग ने घरेलू मोर्चे पर आपनी बादशाहत दिखा दी है. विश्लेषकों का कहना है कि अब उन्हें पश्चिमी देशों की नाराजगी की चिंता करनी होगी. अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन के सबसे बड़े कारोबारी सहयोगी हैं. ये दोनों यूक्रेन में रूसी जंग के सबसे बड़े आलोचक हैं जिसे रूस "विशेष सैन्य अभियान" कहता है.
पिछले महीनेचीन ने युद्ध खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव दिया था. यूक्रेन और मॉस्को ने उसे लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंसकी ने यह जरूर कहा कि वह शी जिनपिंग के साथ बात करने को तैयार हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यह बातचीत शी जिनपिंग के रूस दौरे के बाद हो सकती है.
अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी चीन के कदमों को लेकर गहरी आशंकाओं में घिरे हैं. चीन ने रूस की निंदा नहीं की है और जब दूसरे देश रूस पर भारी प्रतिबंध लगा रहे हैं तो वह उसे आर्थिक जीवनरेखा चलाये रखने में मदद दे रहा है.
जर्मन मार्शल फंड के सीनियर फेलो एंड्रयू स्मॉल का कहना है, "इस जंग के साथ चीन के हिस्से में घोषित रूप से कूटनीतिक कवायद बढ़ती जा रही है." स्मॉल के मुताबिक चीन, "कुछ चीजों से दूरी बनाने के संकेत दे रहा है बना रहा है लेकिन बिना ऐसी किसी गतिविधि के जो इसमें मदद कर सके," मसलन रूस पर दबाव डालना.
"सीमा रहित" दोस्ती
चीन और रूस ने फरवरी 2022 में "सीमा-रहित" साझेदारी की घोषणा की थी. तब विंटर ओलिंपिक के मौके पर पुतिन बीजिंग आये थे. यह यूक्रेन पर हमला करने से कुछ ही दिन पहले की बात है. चीन ने शांत रहने की बात कही लेकिन इसने मोटे तौर पर रूस नाटो को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी कि नाटो रूस के पूर्वी हिस्से में विस्तार कर उसे चुनौती दे रहा है. यूक्रेन को उसके पश्चिमी सहयोगी टैंक और मिसाइलें दे कर युद्ध की आग को हवा दे रहे हैं.
चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन कर उसे राजस्व मुहैया करा रहा है. हाल के महीनों में दोनों के बीच आपसी कारोबार काफी ज्यादा बढ़ गया है. अमेरिकी और यूरोपीय नेताओं ने खुफिया सूत्रों के हवाले से यह भी कहा है कि चीन रूस को हथियार भेजने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इससे इनकार करता है. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सैमुअल रामानी रूसी मामलों के विशेषज्ञ हैं. उनका कहना है, "निश्चित रूप से चीन एक निष्पक्ष और न्यायिक कूटनीतिक हिस्सेदार दिखना चाहता है लेकिन वास्तविकता ऐसी बिल्कुल नहीं है."
शुक्रवार को शी जिनपिंग के दौरे का ऐलान होने के कुछ ही घंटों बाद अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत आईसीसी ने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी कर दिया. पुतिन पर यूक्रेनी बच्चों को जबरन प्रत्यर्पित करने के लिए युद्ध अपराध का आरोप लगा है. रूस ने इस पर तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया जताई. रूस का कहना है कि वह हजारों यूक्रेनी बच्चों को मानवीय अभियान के तहत रूस ले कर आया है ताकि युद्धक्षेत्र में अनाथ और अकेले रह गये बच्चों की रक्षा की जा सके. रूस और चीन आईसीसी के सदस्य नहीं है. चीन ने गिरफ्तारी के वॉरंट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सहयोग और शांति का सफर
शी जिनपिंग बीते लगभग चार सालों में पहली बार मॉस्को जा रहे हैं. यात्रा के कार्यक्रम का ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया गया है. दोनों पक्षों ने कहा है कि यात्रा का मकसद आपसी रिश्तों को मजबूत करना और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाना है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा कि यह दौरा दोस्ती, सहयोग और शांति का सफर है. वेनबिन ने यूक्रेन का जिक्र नहीं किया.
अब तक रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक सोमवार को दोनों नेता अकेले में मुलाकात करेंगे और फिर साथ में भोजन भी होगा. इसके बाद कई मुद्दों पर चर्चा करने के बाद मंगलवार को संयुक्त बयान जारी किया जाएगा. बुधवार को शी जिनपिंग वापस लौट जाएंगे.
इससे पहले की मुलाकातों में शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन हल्के फुल्के पल भी रहे हैं. 2019 में मॉस्को के चिड़ियाघर में पांडा की तारीफ करते हुए शी जिनपिंग ने पुतिन को अपना "बेस्ट फ्रेंड" कहा था. 2018 में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के दौरान व्लादिवोस्तोक में शी जिनपिंग और पुतिन ने ब्लू एप्रन पहन कर खाना भी पकाया था.
अभी तक यह साफ नहीं है कि इस दौरे में भी ऐसी कुछ तस्वीरों के मौके आएंगे या नहीं क्योंकि यह दौरा युद्ध के दौर में हो रहा है. हालांकि पुतिन अपने कदमों से दुनिया को चौंकाने का कोई मौका नहीं छोड़ते. शुक्रवार को आईसीसी से गिरफ्तारी का वॉरंट जारी होने के बाद वो सप्ताहांत में अचानक ना सिर्फ क्रीमिया बल्कि मारियोपोल भी गये और खुद ड्राइव कर वहां के इलाकों को देखा.
कुछ राजनयिकों का मानना है कि और कुछ हो ना हो इतना तो तय है कि इन दो मजबूत नेताओं की इस दोस्ती में शी जिनपिंग फिलहाल ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं. नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक यूरोपीय राजनयिक ने कहा, "बीते कुछ समय से यह साफ था कि रूस अब चीन का जूनियर पार्टनर है लेकिन यूक्रेन युद्ध ने इस प्रभुत्व को और ज्यादा गहरा कर दिया है."
एक और राजनयिक ने कहा, "रूस को शी जो भी मदद देंगे वह चीन की शर्तों पर होगा."
एनआर/वीके (रॉयटर्स)