वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस व चीन पर दबाव बनाने के लिए अमेरिकी परमाणु शस्त्रागार को सशक्त बनाने की बात कही है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने इसके जवाब में कहा कि अगर अमेरिका ज्यादा हथियार विकसित करता है तो वह भी उसी प्रकार से उसका जवाब देगा.
रूस के 1987 के इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लिर फोर्स (आईएनएफ) समझौते के उल्लंघन की तरफ इशारा करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपना शस्त्रागार बनाएगा, जब तक कि लोगों को समझ में नहीं आता.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मीडिया से कहा, "यह उन लोगों को धमकी है, जिसे आप शामिल करना चाहते हैं, चाहे चीन हो या इसमें रूस को शामिल कर सकते हैं. इसमें किसी को भी शामिल कर सकते हैं जो भी यह खेल खेलना चाहता हो."
ट्रंप ने सोमवार को शीतयुद्ध काल के समझौते को दोहराते हुए कहा, "रूस ने समझौते की भावना या समझौते का पालन नहीं किया."
शीतयुद्ध काल के समझौते में मध्यम रेंज की मिसाइलों पर प्रतिबंध है.
रूस पहले ही इससे इनकार कर चुका है. आईएनएफ का मकसद यूरोपीय देशों के कथित सोवियत खतरे को कम करना था.
रूस ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से कहा कि अमेरिका का समझौते से हटने की योजना परमाणु अप्रसार व्यवस्था के लिए गंभीर झटका होगा.