अमेरिका ने भी माना नए पाकिस्तान में ‘कठपुतली’ हैं इमरान खान, सभी बड़े निर्णयों में Pak सेना हावी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की एक सच्चाई दुनिया के सामने उजागर हो गई है. आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान में लोकतंत्र महज नाम की चीज है. पाकिस्तान की जनता द्वारा चुनी हुई इमरान सरकार केवल एक कठपुतली है.
वाशिंगटन: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की एक सच्चाई दुनिया के सामने उजागर हो गई है. आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान में लोकतंत्र महज नाम की चीज है. पाकिस्तान की जनता द्वारा चुनी हुई इमरान सरकार केवल एक कठपुतली है. जो कि पाकिस्तानी सेना के इशारों पर काम करती है. सरल शब्दों में कहे तो पाकिस्तानी सेना ही वहां की जनता की भाग्यविधाता है. इस बात का खुलासा अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट से हुआ है.
अमेरिकी सांसदों के लिए द्विदलीय कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की सेना इमरान खान के शासनकाल में और अधिक हावी हुई है. बल्कि सभी बड़े निर्णयों पर सेना का सीधा दखल होता है. पाकिस्तानी सेना ही देश की विदेश और सुरक्षा नीतियां बनाती है.
रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान खान के कार्यकाल में पाकिस्तानी सेना देश की विदेश और सुरक्षा नीतियों पर हावी हो रही है. इसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने से पहले खान को शासन का कोई अनुभव नहीं था और विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की सुरक्षा सेवाओं ने नवाज शरीफ को हटाने के लिए चुनाव के दौरान घरेलू राजनीति से छेड़छाड़ की.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘नया पाकिस्तान’’ संबंधी खान की सोच कई युवाओं, शहरी लोगों और मध्यम वर्ग के मतदाताओं को लुभाती है. उनकी यह सोच भ्रष्टाचार विरोधी, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले एक ‘‘कल्याणकारी देश’’ के निर्माण पर जोर देती है, लेकिन देश में गंभीर वित्तीय संकट और विदेश से और उधार लेने की आवश्यकता के कारण उनके प्रयास रंग नहीं ला रहे हैं.
आपको बता दें कि पाकिस्तान कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद से बौखलाया हुआ है. वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहता है लेकिन उसे हर तरफ से मुंह की खानी पड़ी है. चीन के अलावा किसी भी देश ने पाकिस्तान का साथ देने से इनकार कर दिया है. बताया जा रहा है कि चौतरफा हार की वजह से पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर सर्विस इंटेलीजेंस) इमरान खान से नाराज हो गई है. और अंदेशा जताया जा रहा है कि पड़ोसी देश में एक बार फिर सेना का शासन लौट सकता है.