जमाल खशोगी हत्याकांड: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा, दो दिन में करेंगे पत्रकार के हत्यारों का खुलासा

रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका दो दिन में ये निर्धारित कर देगा कि सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को किसने मारा है. समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक बयान में ट्रंप ने ये कहा "मीडिया में दी गई खबरों को लेकर भी अमेरिकी विदेश विभाग ने सफाई दी."

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo Credit-IANS)

वाशिंगटन: वरिष्ठ पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या मामले में आए दिन नए दावे और खुलासे हो रहें हैं, लेकिन बावजूद इसके अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि खशोगी की हत्या किसने की. अब जमाल खगोशी हत्या मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका दो दिन में ये निर्धारित कर देगा कि सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को किसने मारा है. समाचार एजेंसी एएफपी को दिए एक बयान में ट्रंप ने ये कहा "मीडिया में दी गई खबरों को लेकर भी अमेरिकी विदेश विभाग ने सफाई दी."

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि हम उन सभी रिपोर्ट्स को खारिज करते हैं जिनमें दावा किया गया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या करने वाले अपराधियों के बारे में पता लग गया है. यह भी पढ़ें- जमाल खशोगी हत्याकांड: अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA का दावा, कहा- सऊदी क्राउन प्रिंस ने दिए थे हत्या के आदेश

बता दें कि शनिवार को अमेरिका ने कहा था कि अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के पीछे सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान का हाथ है. अज्ञात सूत्रों के हवाले से वाशिंगटन पोस्ट ने इस रिपोर्ट का खुलासा किया था जिसमें कहा गया है कि इंटेलीजेंस एजेंसी कई सबूतों और गवाहों का परीक्षण करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है.

इस से पहले शुक्रवार को जमाल खशोगी की ‘नृशंस हत्या’ में कथित रूप से संलिप्तता रखने वाले सऊदी अरब के 17 नागरिकों पर गुरुवार को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगा दिया. एक प्रेस विज्ञप्ति ने अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन के हवाले से बताया, "हम सऊदी अरब के जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, वे जमाल खशोगी की हत्या में शामिल हैं.

गौरतलब है कि जमाल खशोगी तुर्की में रहने वाली अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से शादी करना चाहते थे. इसकी अनुमति के लिए दस्तावेज लेने वह 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे लेकिन वहां से वापस नहीं लौटे, वहीं उनकी हत्या कर दी गई.

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