1971 से आगे बढ़ने का समय- शहबाज शरीफ से मुलाकात के दौरान यूनुस का उमड़ा 'पाकिस्तान प्रेम'

काहिरा में विकासशील देशों के 'डी-8 शिखर सम्मेलन' के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की. यूनुस ने मुलाकात के दौरान 1971 में इस्लामाबाद से ढाका के अलग होने से जुड़ी शिकायतों को हल करने की इच्छा जताई.

इस्लामाबाद, 20 दिसंबर, : काहिरा में विकासशील देशों के 'डी-8 शिखर सम्मेलन' के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की. यूनुस ने मुलाकात के दौरान 1971 में इस्लामाबाद से ढाका के अलग होने से जुड़ी शिकायतों को हल करने की इच्छा जताई. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक यूनुस ने पीएम शहबाज से कहा, "ये मुद्दे बार-बार सामने आते रहे हैं. आइए हम इन मुद्दों को सुलझा लें ताकि हम आगे बढ़ सकें."

पाकिस्तान पीएमओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया प्रधानमंत्री शहबाज ने डॉ. यूनुस के साथ बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला. उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग, विशेष रूप से व्यापार, लोगों के बीच संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की पाकिस्तान की गहरी इच्छा व्यक्त की. यह भी पढ़ें : श्रीलंकाई नौसेना ने 25 बच्चों समेत 102 रोहिंग्याओं को बचाया

1971 के युद्ध से पहले तक बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था और इसे 'ईस्ट पाकिस्तान' के नाम से जाना जाता था. बांग्लादेश के जन्म के बाद से पहले शेख मुजीबुर्रहमान और उनकी बेटी शेख हसीना के नेतृत्व में ढाका ने नई दिल्ली के साथ करीबी रिश्ते स्थापित किए. हालांकि अगस्त में हसीना के सत्ता छोड़ने को मजबूर होने के बाद से देश में भारत विरोधी भावनाएं जोर पकड़ रही हैं.

बांग्लादेश में आवामी लीग की सरकार जाने के बाद से अल्पसंख्यकों को विशेष तौर पर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया. मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में स्थापित अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के आरोप लगते रहे हैं. पिछले दिनों हसीना ने न्यूयॉर्क में अवामी लीग के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यकों के अन्य धार्मिक स्थलों को कथित रूप से निशाना बनाने के लिए अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की तीखी आलोचना की थी.

पूर्व पीएम ने कहा था, "आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है. वास्तव में, यह मोहम्मद यूनुस हैं जो अपने स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर के साथ मिलकर एक सोची-समझी योजना के तहत सामूहिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार हैं. वह ही मास्टरमाइंड हैं." हसीना ने कहा, "शिक्षकों और पुलिस पर हमला किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है. हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों पर हमला किया जा रहा है. कई चर्चों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. अल्पसंख्यकों पर हमला क्यों किया जा रहा है?"

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