व्हाइट हाउस ने कहा है कि हाल ही में कई राज्यों में लाए गए एलजीबीटी युवाओं को निशाना बनाना वाले कानूनों ने खतरनाक मिसाल पेश की है. व्हाइट हाउस के बयान को इन युवाओं के समर्थन में एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है.व्हाइट हाउस की पहली घोषित समलैंगिक प्रेस सचिव कैरिन जौं-पियेर ने कहा, "हमें उन बच्चों पर बहुत गर्व है जिन्होंने अपने अपने राज्यों में राजनेताओं को इस विधाई दादागिरी को बंद करने का संदेश देने के लिए प्रदर्शन और स्कूल वाकआउट आयोजित किए."
उन्होंने यह भी कहा, "मुझे मालूम है कि इस तरह के राजनीतिक पैंतरों का लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है. इसलिए मैं एलजीबीटीप्लस बच्चों से सीधे कहना चाहूंगी, आप जो भी हैं, जैसी भी हैं, हम उसी रूप में आपसे बहुत प्यार करते हैं."
कंजर्वेटिव सांसदों के नेतृत्व में एलजीबीटीक्यू अधिकारों को सीमित करने के लिए कई कदमों की एक राष्ट्रव्यापी लहर चल निकली है. इनमें स्कूलों में जेंडर पहचान पर बात नहीं कर पाना, ड्रैग शो बंद कर देना और खेलों में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के भाग लेने को रोकना शामिल हैं.
राज्यों के कदम
गुरूवार छह अप्रील को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने वेस्ट वर्जीनिया राज्य को सरकारी स्कूलों में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को महिलाओं की टीमों से बैन करने वाले एक कानून को लागू करने से रोक दिया.
केंटकी में रिपब्लिकन सांसदों ने गवर्नर के वीटो को लांघते हुए ट्रांसजेंडर युवाओं को स्वास्थ्य सेवाओं से बैन कर दिया और सरकारी स्कूलों में वो कौन से टॉयलेट इस्तेमाल कर सकते हैं उस पर भी अंकुश लगा दिया.
इसी सप्ताह इंडियाना के गवर्नर ने नाबालिगों के लिए हर तरह की जेंडर अफरमिंग देखभाल को बैन करने वाले एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए. ऐसा करके इंडियाना करीब एक दर्जन ऐसे राज्यों में शामिल हो गया जिन्होंने इस तरह के कानून पारित किए हैं.
इंडियाना के विधेयक और उसके जैसे अन्य विधेयकों के बारे में जौं-पियेर ने कहा, "यह अपने बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित फैसले लेने के माता-पिता के अधिकारों पर एक खतरनाक हमला है."
सीके/एए (रॉयटर्स)