Japan Prince Hisahito: जापान की रॉयल फैमिली में 40 साल का लंबा इंतजार खत्म, बालिग हुए प्रिंस हिसाहितो, जानें क्या हैं इसके मायने

जापान में रॉयल फैमिली के लिए एक महत्वपूर्ण पल आया है, जब प्रिंस हिसाहितो ने 8 सितंबर को 18 साल की उम्र पूरी की. वह लगभग चार दशकों में पहले पुरुष सदस्य है जो वयस्कता को पहुंचे है.

जापान में रॉयल फैमिली (Japan Royal Family) लिए एक महत्वपूर्ण पल आया है, जब प्रिंस हिसाहितो (Japan Prince Hisahito) ने 8 सितंबर को 18 साल की उम्र पूरी की. वह लगभग चार दशकों में पहले पुरुष सदस्य हैं जो बालिग हुए है. जापान की राजशाही, जो एक हजार वर्षों से अधिक समय से सत्ता में है, आज भी जनसंख्या की तेजी से घटती दर और बुजुर्ग होती जनसंख्या जैसी समस्याओं का सामना कर रही है.

प्रिंस हिसाहितो का महत्व

प्रिंस हिसाहितो, जो भविष्य में एक दिन सम्राट बनने की संभावना रखते हैं, जापानी सम्राट नारुहितो के भतीजे हैं. उनके पिता, क्राउन प्रिंस अकीशिनो, 1985 में परिवार के आखिरी पुरुष सदस्य थे, जो बालिग हुए थे. हिसाहितो, 17 सदस्यीय सम्राट परिवार के सबसे छोटे सदस्य हैं, जिसमें वर्तमान में केवल चार पुरुष हैं.

राजशाही की चुनौती

प्रिंस हिसाहितो का स्थिति राजवंश के लिए एक बड़ी समस्या पेश करती है, क्योंकि प्रणाली में महिला सम्राट की अनुमति नहीं है. सरकार यह विचार कर रही है कि बिना महिलाओं पर निर्भर हुए उत्तराधिकार को स्थिर कैसे रखा जाए.

1947 का सम्राट घर कानून, जो अधिकतर पुरानी परिवारिक मूल्यों को संरक्षित करता है, केवल पुरुषों को सिंहासन का उत्तराधिकारी मानता है और महिलाओं को सामान्य लोगों से शादी करने पर उनकी राजशाही स्थिति खोने के लिए मजबूर करता है.

प्रिंस हिसाहितो की बड़ी बहन, प्रिंसेस ऐको, नारुहितो और उनकी पत्नी मासाको की एकमात्र संतान हैं. हालांकि, मौजूदा कानून मासाको को सम्राट बनने की अनुमति नहीं देता, भले ही वह सीधे वंश से संबंधित हैं.

भविष्य की दिशा

प्रिंस हिसाहितो ने हाल ही में कहा कि वह अभी अपनी हाई स्कूल की बाकी समय को संजोना चाहते हैं. उन्हें कीटों में गहरी रुचि है और उन्होंने अपने अकाशाका एस्टेट, टोक्यो में ड्रैगनफ्लाई पर एक अकादमिक पेपर भी लिखा है.

जापान की सरकार ने जनवरी 2022 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें महिलाओं को शादी के बाद राजशाही स्थिति बनाए रखने की अनुमति देने की सिफारिश की गई थी, और अतीत की राजशाही परिवारों से पुरुष उत्तराधिकारियों को अपनाने की बात की गई थी ताकि पुरुष वंश को आगे बढ़ाया जा सके. हालांकि, आलोचकों का कहना है कि ये उपाय सीमित प्रभावी होंगे क्योंकि पुरुष-केवल उत्तराधिकार प्रणाली पुरानी समय में हारे हुए प्रेमिकाओं की मदद से काम करती थी.

प्रिंस हिसाहितो की वयस्कता जापान की राजशाही के लिए एक नया युग लेकर आई है, लेकिन साथ ही यह भी दिखाती है कि राजशाही की वर्तमान प्रणाली को सुधारने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई और बड़ी समस्याएँ उत्पन्न न हों.

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