कोलंबो, 20 जुलाई: श्रीलंका में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए बुधवार को यानी आज मतदान सुबह दस बजे शुरू हो गया. राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला तीन उम्मीदवारों के बीच है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, डलास अल्हाप्पेरुमा और वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति पद के लिए रेस में हैं. देश में दवाओं की कमी, इसलिए बीमार न पड़ें: श्रीलंका के डॉक्टरों की लोगों को सलाह.
देश में अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी के बाद लोग सड़कों पर उतर आए और राजनीतिक उथल पुथल तथा देश में फैले अराजकता के माहौल के बीच गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान के जरिए हो रहा है.
किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए देश की 225 सदस्यीय संसद में 113 से अधिक मत हासिल करना होगा. एसएलपीपी के अध्यक्ष जी एल पीरिस ने मंगलवार को कहा था कि सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के अधिकतर सदस्य इससे अलग हुए गुट के नेता अल्हाप्पेरुमा को राष्ट्रपति पद के लिए और प्रमुख विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा को प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने के पक्ष में हैं.
विक्रमसिंघे (73) का मुकाबला 63 वर्षीय अल्हाप्पेरुमा और जेवीपी के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (53) से है. अल्हाप्पेरुमा सिंहली बौद्ध राष्ट्रवादी हैं और एसएलपीपी से अलग हुए धड़े के प्रमुख सदस्य हैं.
श्रीलंका में 1978 के बाद से पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों द्वारा गुप्त मतदान के जरिए हो रहा है. इससे पहले 1993 में कार्यकाल के बीच में ही राष्ट्रपति का पद तब खाली हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गयी थी. उस वक्त डी बी विजेतुंगा को संसद ने सर्वसम्मति से प्रेमदासा का कार्यकाल पूरा करने का जिम्मा सौंपा था.
देर शाम तक नतीजे आने की उम्मीद
श्रीलंका की संसद की कार्यवाही भारतीय समय के मुताबिक सुबह 10 बजे से शुरु हो चुकी है. पहला वोट स्पीकर जबकि दूसरा वोट रानिल विक्रमसिंघे ने डाला. 225 सांसद गुप्त मतदान में वरीयता के क्रम में उम्मीदवारों की रैंकिंग करेंगे. देर शाम तक नतीजों के आने की उम्मीद है.