South Africa Violence: बीते 30 सालों में सबसे हिंसक प्रदर्शन, संकट में 13 लाख भारतीय, 10 खास बातें

इमेज सोर्स, ट्विटर, Prof. Alfred Omenya

South Africa violence 2021: दक्षिणा अफ्रीका हिंसा की आग में धधक रहा है और इस हिंसा का कारण है बिते दिनों पूर्व राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा ((Jacob Zuma Former President of South Africa)) को कोर्ट (SA Court) से मिली 15 महीने की जेल की सजा. जैकब जुमा (Jacob Zuma) को जेल भेज दिए जाने के बाद दक्षिणा अफ्रीका में हिंसा शुरू हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जगह-जगह हो रहे इन हिंसक प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 80 लोगों के मारे जाने की खबर है. वहीं दक्षिण अफ़्रीका की सबसे बड़ी टाउनशिप माने जाने वाले सोवेटो के एक शॉपिंग सेंटर प्रदर्शनाकारियों के जमकर उत्पात मचाया। यहां लूटपाट और हिंसा हुई। इस दौरान यहां भगदड़ मच गई जिसमें 10 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई.

1) दुकानें लूट उनमें आग लगा दी

पिछले सप्ताह गुरुवार को शुरु हुए इन विरोध प्रदर्शनों ने शनिवार-रविवार को हिंसक रूप ले लिया. देखते ही देखते ये हिंसा की आग दक्षिण अफ्रीका के अधिकतर हिस्सों में फैल गई। इस दौरान न प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ शॉपिंग मॉल और दुकानों में लूटपाट की बल्कि कई में तोड़ फोड़ कर उन्हें आग के हवाले भी कर दिया.

2) सोशल मीडिया ने किया आग में घी डालने का काम

हिंसा की आग की लपटे जमीन से उठी लेकिन इसमें आग में घी डालने का काम किया सोशल मीडिया ने. सोशल मीडिया पर तोड़फोड़, आग जनी और हिंसा के कई वीडियो वायरल होने लगे. वायरल होते इन वीडियो से लोगों का आक्रोश और ज्यादा बढ़ गया जिससे विभिन्न शहरों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए.

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3) अब तक 800 लोगों की गिरफ्तारी

हिंसा की आग में जलते दक्षिण अफ्रिका के हालात बेकाबू हुए तो आनन-फानन में सरकार को सैन्य मदद लेनी पड़ गई. सैना के कई जवान अगल-अलग जगहों पर हालातों को काबू करने में जुटे हैं. कहीं आंसू गैस के गोले, कहीं गोलियां तो कहीं लट्ठ बजाते सुरक्षाकर्मी. हांलाकि, इन सब के बाद भी स्थिति अब तक पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो सकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसक घटनाओं, प्रदर्शन और आगजनी की अलग-अलग घटनाओं में शामिल 800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

4) 1990 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी हिंसक घटना

दक्षिण अफ़्रीका में फैली इस हिंसा की तस्वीरें देख 90 के दशक की यादें ताजा हो जाती है. खुद राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने इन विरोध प्रदर्शनों को साल 1990 के बाद से दक्षिण अफ़्रीका में हुए सबसे हिंसक घटनाओं में से एक माना. वहीं पुलिस विभाग का जिम्मा संभालने वाले दक्षिण अफ्रिका के मंत्री भेकि सेले ने बीते मंगलवार को मीडिया में बयान दिया, अगर लूटपाट इसी तरह जारी रही तो प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने के सामान की आपूर्ति संकट में पड़ जाएगी.

5) रक्षा मंत्री बोले- आपातकाल लागू करने की स्थिति नहीं

वहीं इन हिंसक प्रदर्शन पर दक्षिण अफ्रिका के रक्षा मंत्री नोज़िविवे पिसा काकुला का कहना है कि क्वाज़ुलु-नतल और गौतेंग प्रांत में कुछ हद तक स्थिति नियत्रंण में हैं. यहां हुई हिंसा के चलते अब तक आपातकाल लागू करने की स्थिति नहीं बनी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्वाज़ुलु-नतल प्रांत में अब तक 26 जबकि गौतेंग प्रांत में अब तक 19 लोगों के मारे जाने की खबर है. खबर ये भी है कि प्रदर्शन कारियों ने यहां हिंसा के दौरान न सिर्फ दुकाने तोड़ी. बल्कि उन्हें जमकर लूटा. वहीं कुछ जगह एटीएम तोड़ने और उन्हें लूटने की खबरें भी सामने आई.

6) आखिर क्यों फूटा लोगों का गुस्सा

बता दें कि दक्षिण अफ्रिका के कई इलाके ऐसे हैं जहां जनता भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी से पहले ही गुस्से में थी लेकिन बरसों से धधक रहा ये गुस्सा तब ज्वालामुखी बनकर फूट पड़ा जब पूर्व राष्ट्रपति ज़ुमा की गिरफ़्तारी की खबर सामने आई. सरकार को भी अंदाजा नहीं था कि ये विरोध प्रदर्शन इतना हिंसक हो उठेगा.

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7) इस हिंसा में भारतीयों पर भी हमले

दक्षिण अफ्रीका में हो रही इन हिंसक घटनाओं का असर न सिर्फ वहां रह रहे भारतियों (Indians in South Africa) पर हुआ है बल्कि उन भारतीय मूल के लोगों पर भी देखने को मिल रहा है जो बरसों से दक्षिण अफ्रिका में रह रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय समूहों द्वारा कई भारतियों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है. इस हिंसा के चलते दक्षिण अफ्रिका में रह रहे करीब 13 लाख भारतीय संकट में हैं.

8) ये इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित

दक्षिण अफ्रीका के डरबन, पीटरमैरिट्सबर्ग, जोहान्सबर्ग सहित कई अन्य ऐसे शहर हैं जहां सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएं सामने आई है. इन्हीं इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय भी रहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने भारतीयों को बल्कि भारतीय मूल के अफ्रीकियों पर हमले किए हैं बल्कि उनके व्यवसायों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है.

9) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की अफ्रीकी विदेश मंत्री से बात

भारतीय मूल (Indians in South Africa) के लोगों पर हमलों घटनाओं के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफ्रीका (FM S. Jaishankar) के विदेश मंत्री डॉक्टर नालेडी पांडोर से बातचीत की। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका की ओर से ये भरोसा दिया गया कि सरकार क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी ताक़त से काम कर रही है. वहीं विदेश मंत्रालय के सचिव संजय भट्टाचार्य ने भी दक्षिण अफ्रीका के राजदूत से मुलाक़ात कर हालातों पर चर्चा की.

10) कौन है जैकब जुमा और उन्हें क्यों हुई जेल?

12 अप्रैल 1942 को जन्में जैकब जुमा वर्ष 2009 से 2018 तक दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति रहें. वे देश के चौथे राष्ट्रपति हैं. जुमा, शासी राजनीतिक दल अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (ANC) के अध्यक्ष भी हैं. जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में 15 महीने की सजा सुनाई गई है. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान जैकब जुमा ने खनन आवंटन में मशहूर बिजनेसमैन गुप्ता ब्रदर्स के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया. कई सौ करोड़ रुपयों की हेरा-फेरी की गई। इस मामले में गुप्ता ब्रदर्स भी आरोपी हैं। हांलाकि इस वक्त वे यूएई मे हैं.

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