पाकिस्तान (Pakistan) का कहना है कि उसके कब्जे वाले कश्मीर में भारत (India) के हिंदू श्रद्धालुओं के लिए शारदा मंदिर कॉरिडोर (Sharda Temple Corridor) खोलने पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है और ऐसे कदम उठाने के लिए ‘‘सकारात्मक माहौल’’ होना चाहिए. इस सप्ताह की शुरुआत में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में कहा गया था कि पाकिस्तानी सरकार ने एक कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिससे भारत के हिंदू श्रद्धालुओं को प्राचीन हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक स्थल तक जाने का मौका मिलेगा.
यहां बृहस्पतिवार को एक साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस खबर को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मेरी जानकारी के मुताबिक, अभी शारदा मंदिर कॉरिडोर खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे सभी मुद्दों पर आगे बढ़ने के लिए एक सकारात्मक माहौल की जरुरत होती है.’’ एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी खबर में पाकिस्तान तहरीक के इंसाफ के, नेशनल असेंबली सदस्य रमेश कुमार के हवाले से कहा था, ‘‘पाकिस्तान ने शारदा मंदिर खोलने का फैसला किया है. मौजूदा वर्ष से परियोजनाओं पर काम शुरू हो जाएगा जिसके बाद पाकिस्तान में हिंदू भी इस स्थल का दौरा कर सकेंगे.’’ यह भी पढ़ें- झूठा है इमरान का नया पाकिस्तान, पुलवामा हमले के बाद आतंकी ठिकानों को मानने से किया इंकार
237 ईसा पूर्व, सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान स्थापित शारदा पीठ करीब 5,000 साल पुराना मंदिर है. यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के तीन प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में से एक है. उनके दो अन्य पवित्र स्थल अमरनाथ मंदिर और अनंतनाग स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर हैं. कश्मीर पंडितों के संगठन बरसों से शारदा पीठ कॉरिडोर खोले जाने की मांग कर रहे हैं.