न्यूयॉर्क: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता, बल्कि समुदायों का हाशिए पर होना कट्टरपंथ की ओर ले जाता है. डॉन न्यूज के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र से इतर पाकिस्तान और तुर्की ने बुधवार को हेट स्पीच को लेकर एक राउंड टेबल चर्चा की सह-मेजबानी की. इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के साथ सम्मेलन को संबोधित किया. इसमें युनाइटेड नेशन एलाइनस ऑफ सिविलाइजेश (यूएनएओसी) के उच्च प्रतिनिधि मेग्यूल एंजेल मोरेटिनोस के एक महत्वपूर्ण नोट को भी दिखाया गया.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री इमरान ने इस दौरान अपनी टिप्पणी में धर्म और आस्था के आधार पर भेदभाव और हिंसा की बढ़ती घटनाओं की ओर ध्यान खींचा.बयान में आगे कहा गया है कि इसके खात्मे की जरूरत पर बात करते हुए खान ने कहा कि इन घटनाओं के होने की वजहों और इनके नतीजों पर बात करने की दरकार है. यह भी पढ़े: पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने लगाया आरोप, इमरान खान आदतन झूठे और आतंकवादियों के हिमायती हैं
उन्होंने कहा, "इससे मजहब का कोई लेनादेना नहीं है..दहशतगर्दी का कोई मजहब नहीं होता.उन्होंने आगे कहा, "लगभग सभी आतंकवाद राजनीति से जुड़े हुए हैं। यह राजनीतिक रूप से कथित अन्याय है जो हताश लोगों को पैदा करता है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि नफरत फैलाने वाला बयान इंसानियत के खिलाफ किए गए सभी गुनाहों में सबसे पहले आता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में 'हेट स्पीच' का सबसे ज्यादा शिकार मुस्लिम होते हैं