बर्बादी की दहलीज पर पहुंचा पाकिस्तान, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मांग सकता है कर्ज
पाकिस्तान में आम चुनाव है, ऐसे में देश की माली हालत बिगड़ना चुनावों में भी एक बड़ा मुद्दा बन सकती है.
पाकिस्तान: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को लेकर बड़ी खबर आ रही है. आतंकवाद को पनाह देनेवाले मुल्क पाक की अर्थव्यवस्था चरमरा कर गिर सकती है. बता दें कि ईद के त्योहार के कुछ दिनों पहले ही पड़ोसी मुल्क की आर्थिक चिंताएं काफी बढ़ गई हैं. पाकिस्तानी मुद्रा अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना मूल्य खो रही है. जिससे कर्ज का दबाव भी बढ़ रहा है. ताजा जानकारी के अनुसार एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत अब 122 हो गई है. सिर्फ सोमवार को ही PAK रुपये की कीमत करीब 3.8 फीसदी तक गिर गई. यानी अगर पाकिस्तान की तुलना भारत से की जाए तो वह काफी बदतर स्थिति में दिखाई पड़ता है.
ज्ञात हो कि भारतीय रुपये की कीमत अभी 67 रुपये है, यानी भारत की एक अठन्नी अब पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो गई है. बावजूद इसके पाकिस्तानी की हेकड़ी बरकरार है. PAK सच्चाई को समझने के लिए शायद तैयार भी नहीं होगा. जरुरत है कि पड़ोसी मुल्क सच्चाई का सामना करे और अपने हालात को बेहतर बनाये.
गौरतलब है कि अगले महीने ही पाकिस्तान में आम चुनाव है, ऐसे में देश की माली हालत बिगड़ना चुनावों में भी एक बड़ा मुद्दा बन सकती है. वही इस तरह की अटकलें हैं कि पाकिस्तान चुनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से कर्ज मांग सकता है. देश में भुगतान संतुलन संकट की आशंका है, इससे पहले देश 2013 में मुद्राकोष के पास गया था.
बता दें कि हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब 10.3 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार है, जो पिछले साल मई में 16.4 अरब डॉलर था.
रॉयटर्स एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान का चीन और इसके बैंकों से इस वित्तीय वर्ष में लिया गया कर्ज करीब 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के कगार पर है. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान भुगतान संकट के चलते चीन से 1-2 बिलियन डॉलर (68- 135 अरब रुपए) का नया लोन लेने जा रहा है.