Omicron Scare: कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर मचे हड़कंप के बीच WHO ने कहा, ओमिक्रॉन पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन 'अंतिम उपाय' होना चाहिए

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को कम करने के लिए लॉकडाउन लागू करना बहुत महंगा साबित हो सकता है और इसे अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कोविड-19 का नया सुपर म्यूटेंट ओमिक्रॉन वैरिएंट काफी खतरनाक बताया जा रहा है

डब्ल्यूएचओ, कोरोना, लॉकडाउन (Photo Credits TW/Pixabay)

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के खतरे को कम करने के लिए लॉकडाउन लागू करना बहुत महंगा साबित हो सकता है और इसे अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कोविड-19 का नया सुपर म्यूटेंट ओमिक्रॉन वैरिएंट काफी खतरनाक बताया जा रहा है, जिसमें स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक म्यूटेंट बताए जा रहे हैं, जो मानव कोशिकाओं को बुरी तरह से संक्रमित करने में सक्षम हैं. यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था और इसके बाद यह तेजी से फैल रहा है और इसकी चपेट में भारत, श्रीलंका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, नीदरलैंड और ब्रिटेन सहित 24 से अधिक देश आ चुके हैं.

डब्ल्यूएचओ में दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल ने कहा, "किसी भी नए वैरिएंट के आने और मौजूदा वायरस और इसके वैरिएंट्स के संचरण का तेजी से पता लगाने के लिए निगरानी को मजबूत करने, कैलिब्रेटेड सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को लागू करने और टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने पर हमारा ध्यान केंद्रित होना चाहिए. यह भी पढ़े: Omicron Variants: अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन्स, बोर्डिंग से पहले भरना होगा फॉर्म

हालांकि ओमिक्रॉन की गंभीरता, जोखिम और प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए अध्ययन चल रहे हैं। प्रारंभिक परीक्षणों से पता चला है कि यह वैरिएंट अन्य के मुकाबले काफी तेजी से फैल सकता है, जिससे जल्दी ही मामलों में वृद्धि हो सकती है. उन्होंने आगे कहा, "हालांकि यह मान लेना उचित होगा कि वर्तमान में उपलब्ध टीके गंभीर बीमारी और मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करते हैं.

उन्होंने कोविड 19 टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने के प्रयासों को और तीव्र करने पर जोर दिया. दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना से ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में सामने आई खबरों के बाद, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने कई अफ्रीकी देशों के यात्रियों के लिए यात्रा प्रतिबंध या क्वारंटीन अवधि के नियम लागू करने का फैसला किया है.

लेकिन खेत्रपाल के अनुसार, सामूहिक यात्रा प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय वायरस प्रसार को नहीं रोकेंगे और इसके बजाय, यह जीवन और आजीविका पर भारी बोझ डाल देगा. इसके अलावा, इस तरह के प्रतिबंध महामारी विज्ञान और सीक्वेंसिंग डेटा की रिपोर्ट करने और इसे साझा करने के लिए देशों को हतोत्साहित करके एक महामारी के दौरान वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा, "वायरस के संचरण को कम करने के लिए लॉकडाउन लगाने का विकल्प, हालांकि प्रभावी है, मगर यह एक बहुत महंगा उपाय है और इसे अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, "हम वायरस और इसके वैरिएंट्स को फैलने, आगे बढ़ने और हमें चुनौती देना जारी नहीं रख सकते हैं और न ही ऐसा होने देना चाहिए। हमें इसके प्रसार को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी, इनडोर स्थान का वेंटिलेशन, भीड़ से बचना और हाथ की स्वच्छता कोविड-19 के संचरण को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है, यहां तक कि उभरते हुए वैरिएंट्स से बचने के लिए भी यह प्रभावी उपाय हैं.

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