पाकिस्तान से मनी लॉड्रिंग का पैसा ईरान के सुप्रीम लीडर के प्रतिनिधि को भी गया, WhatsApp चैट से हुआ खुलासा
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमनेई (Photo Credit : Twitter)

इस्लामाबाद, 10 अप्रैल: पाकिस्तान में हाल में जिस मनी लॉंड्रिंग गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, उसके तार ईरान और इराक से भी जुड़े हैं और जांच के दौरान यह बात भी सामने आयी है कि इस पैसे का बड़ा हिस्सा ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमनेई के एक प्रतिनिधि को भी दिया गया था. अरब न्यूज के मुताबिक, यह नेटवर्क पिछले सात साल से पाकिस्तान, ईरान और इराक में सक्रिय था. इसके सदस्यों के व्हाटस ऐप चैट से इस बात का खुलासा हुआ है.

 

पाकिस्तान की फेडरल जांच एजेंसी (एफआईए) ने कराची की एक अदालत में इस संबंध में गत 10 फरवरी को चार्जशीट दायर की, जिसके अनुसार, हुंडी या हवाले के जरिये ये पैसे पाकिस्तान से बाहर भेजे जाते थे या बाहर से प्राप्त किये जाते थे.

पाकिस्तान में हुंडी और हवाला दोनों अवैध हैं. एफआईए के अनुसार, यह नेटवर्क इराक के नजफ शहर और ईरान के कुओम शहर में धार्मिक यात्रा पर जाने वाले लोगों का भी इस्तेमाल पैसों की तस्करी के लिये करता था.

पाकिस्तान से भेजे गये मनी लॉंड्रिग के रुपये इसी तरह खमनेई के पाकिस्तान के पूर्व प्रतिनिधि अबुल फजल बहाउद्दीन को भी भेजे गये थे. एफआई के रिकॉर्ड के मुताबिक बहाउद्दीन ने मनी लॉड्रिंग के मुख्य आरोपी अली रजा से पैसे प्राप्त किये.

ईरान के सुप्रीम लीडर ईरान के सभी प्रांतों, विश्वविद्यालयों, कुछ सरकारी एजेंसियों और देशों में भी अपनी प्रतिनिधि नियुक्त करते हैं. खमनेई के ये प्रतिनिधि उन देशों में नियुक्त किये जाते हैं, जहां शिया समुदाय के लोग रहते हों. देशों में जब खमनेई प्रतिनिधि की नियुक्ति करते हैं, तो उनकी सार्वजनिक घोषणा नहीं की जाती है.

ईरान के बाहर नियुक्त ये प्रतिनिधि खमनेई के विचारों और सिद्धांतों का भाषण आदि के जरिये प्रचार करते हैं और साथ ही अपनी नीतियों को अपनाने के लिये वहां के स्थानीय प्रशासन पर दबाव भी बनाते हैं. इस साल जनवरी में कराची में छापे के दौरान गिरफ्तार किये गये 13 लोगों में रजा भी शामिल है. ये सभी मनी लॉंड्रिंग में संलिप्त थे और एक विदेशी खुफिया एजेंसी से संबद्ध थे.

अरब न्यूज के मुताबिक मनी लॉड्रिंग नेटवर्क पर शिकंजा तब कसा गया जब कराची में पुलिस दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच ईरान समर्थित आतंकवादी संगठन जैनबीयून ब्रिगेट के सदस्यों को गिरफ्तार कर रही थी.