Kenya Polio Vaccination: UNICEF ने किया केन्या के पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए पूरे समर्थन का वादा
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने केन्या के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में पोलियो को समाप्त करने के प्रयासों में अपना समर्थन जताया है. केन्या में यूनिसेफ की प्रतिनिधि शाहीन निलोफर ने बताया कि यह कार्यक्रम 88% टीकाकरण लक्ष्य तक पहुंचने के लिए औसत 85% टीकाकरण दर बनाए रखता है.
नैरोबी, 25 अक्टूबर : संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने केन्या के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में पोलियो को समाप्त करने के प्रयासों में अपना समर्थन जताया है. केन्या में यूनिसेफ की प्रतिनिधि शाहीन निलोफर ने बताया कि यह कार्यक्रम 88% टीकाकरण लक्ष्य तक पहुंचने के लिए औसत 85% टीकाकरण दर बनाए रखता है.
निलोफर ने गुरुवार को नैरोबी में वर्ल्ड पोलियो डे पर दिए बयान में कहा, "हमने केन्या में पोलियो को खत्म करने में बड़ी प्रगति की है, लेकिन अभी और मेहनत की जरूरत है. हमें आखिरी 1% लोगों तक पहुंचना है क्योंकि हर किसी की सुरक्षा सभी की सुरक्षा पर निर्भर है." यूनिसेफ के अनुसार, केन्या में पोलियो का मौजूदा प्रकोप कई कारणों से हो रहा है, जिसमें कोविड-19 महामारी भी शामिल है, जिसके चलते नियमित टीकाकरण सेवाओं में भी बाधाएं आई थी और स्वास्थ्य तंत्र अब भी पूरी तरह से उबर नहीं पाया है. यह भी पढ़ें : Kenya: केन्या में लगभग 4,80,000 बच्चे कुपोषण का शिकार
यूएन एजेंसी ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन ने केन्या के टीकाकरण कार्यक्रमों पर असर डाला है. सूखा और बाढ़ के कारण बच्चों व उनके परिवारों का विस्थापन हो रहा है और इसके चलते उन स्वास्थ्य केंद्रों को भी नुकसान पहुंचा है जहां नियमित टीकाकरण सेवाएं दी जाती हैं. निलोफर ने कहा, "हमारे पास पोलियो के खतरे से निपटने की योजना है जो सरल और सुरक्षित है. हमें सभी बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए टीकाकरण करना होगा."
यह बयान तब आया जब केन्या के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 अक्टूबर को बताया कि सरकार की नई पहल में 3.71 मिलियन बच्चों को पोलियो के खिलाफ टीका लगाया गया है. यह टीकाकरण अभियान नौ क्षेत्रों में किया गया, जिनमें नैरोबी भी शामिल है. मंत्रालय ने 9-13 नवंबर को दूसरा टीकाकरण अभियान चलाने की योजना बनाई है.
यूनिसेफ का कहना है कि पड़ोसी देशों सोमालिया और दक्षिण सूडान में लंबे समय से चल रहे संघर्ष और शरणार्थी शिविरों में भीड़भाड़ के कारण पोलियो का प्रसार बढ़ता है. शिविरों में खराब स्वच्छता और सफाई की स्थिति इसे और गंभीर बना देती है, क्योंकि इससे वायरस का अधिक फैलाव होता है.
पोलियो एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के रीढ़ की हड्डी पर हमला करती है जिससे लकवा हो सकता है. हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है ताकि पोलियो के टीकाकरण के महत्व को समझाया जा सके और उन माता-पिता, पेशेवरों और स्वयंसेवकों के प्रयासों को सराहा जा सके, जो पोलियो को समाप्त करने में योगदान दे रहे हैं.