Kathmandu's garbage problem: मानसून के भारी बारिश के बाद कचड़े से ढका काठमांडू शहर
मॉनसून की बारिश के बाद जल प्रवाह ने काठमांडू में कचरे की समस्या को बढ़ा, बारिश का पानी कचरे को सड़कों और फुटपाथों पर लाकर भर दिया है. नुवाकोट और धाडिंग जिले के सिसडोल और बनचारे में लैंडफिल साइट के रास्ते में स्थानीय लोगों के विरोध के बाद काठमांडू में कचरा जमा हो गया है
मॉनसून की बारिश के बाद जल प्रवाह ने काठमांडू में कचरे की समस्या को बढ़ा, बारिश का पानी कचरे को सड़कों और फुटपाथों पर लाकर भर दिया है. नुवाकोट और धाडिंग जिले के सिसडोल और बनचारे में लैंडफिल साइट के रास्ते में स्थानीय लोगों के विरोध के बाद काठमांडू में कचरा जमा हो गया है. सोमवार की रात धाडिंग-नुवाकोट सीमा के पास कई कचरा ट्रकों में तोड़फोड़ की गई, जहां एक अज्ञात गिरोह द्वारा दो बुलडोजर, एक खुदाई करने वाला मशीन और 14 टिपर ट्रकों में तोड़फोड़ की गई. खासकर मानसून के दौरान खराब सड़क के कारण, जो स्थानीय लोगों के लगातार विरोध के अलावा भारी बारिश के बाद अगम्य हो जाता है. यह भी पढ़े: Taliban हो रहा खूंखार, महिला प्रदर्शनकारियों को पीटा, फायरिंग भी की
बारिश से क्षतिग्रस्त सिसडोले-बंचरे डंडा सड़क की मरम्मत के लिए पिछले माह कई दिनों से कचरा उठाव रोक दिया गया था. जुलाई के दूसरे सप्ताह में, टेकू ट्रांसफर स्टेशन से सूखे कचरे का उठाव करने में असमर्थ होने के बाद, शहर ने स्टेशन पर कचरे के विशाल टीले को प्लास्टिक के तार से ढक दिया था. 45 रोपानी के भूमि में फैले टेकू में कचरा हस्तांतरण स्टेशन वर्तमान में कचरे से भरा हुआ है एक दिन में 150 से अधिक लॉरी काठमांडू से कचरे को बनचारे डंडा ले जाया करती हैं, लेकिन कचरा ट्रकों में तोड़फोड़ के बाद पिछले सप्ताह से यह बंद हो पड़ा है.
काठमांडू घाटी में कुल 1,200 मीट्रिक टन ठोस कचड़ा उत्पन्न होता है, जिसमें से 60 प्रतिशत अकेले काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी से उत्पन्न होता है काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (KMC) के मेयर बालेन शाह जो मई में हुए स्थानीय चुनाव में जीत कर आये है, उन्होंने कल शाम को इस मुद्दे को हल करने की बात कही है उन्होंने बताया कि काठमांडू से कचरा ले जाने के लिए रविवार को अतिरिक्त ट्रक बनचारेडंडा आएगी.