कश्मीर को लेकर यूएन में 27 सितंबर को गिड़गिड़ाएंगे इमरान खान, भारत को दी न्यूक्लियर हमले की गीदड़भभकी
कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दा उठायेंगे.पाक पीएम इमरान खान 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे.
इस्लामाबाद. कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है. वही दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड (Donald Trump) ट्रंप ने स्वीकार किया कि कश्मीर (Kashmir Issue) का मामला द्विपक्षीय है और उन्होंने पीएम मोदी पर भरोसा जताया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दा उठायेंगे. एएनआई के अनुसार पाक पीएम इमरान खान (Imran Khan) 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. इमरान खान (Imran Khan) ने अपनी आवाम को संबोधित करते हुए खुद को कमजोर बताते हुए कहा कि आज उनका साथ कोई नहीं दे रहा है.
इसके साथ ही इमरान खान (Imran Khan) ने परमाणु युद्ध की धमकी भी दी और कहा कि ऐसे युद्ध का कोई नतीजा नहीं निकलेगा दुनिया तबाह हो जाएगी. खान ने आगे कहा कि कश्मीर के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. यह भी पढ़े-डोनाल्ड ट्रंप के सामने पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा-भारत और PAK के सभी मुद्दे द्विपक्षीय, किसी तीसरे की जरूरत नहीं
पाक पीएम (Imran Khan) ने कहा कि देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाना चाहता हूं. कश्मीर पर किसी भी हद तक जाएंगे, आखिरी सांस तक उनका साथ देंगे. इमरान ने कहा कि भारत दोबारा बालाकोट हमले की जुर्रत नहीं कर सकता. यह भी पढ़े-कश्मीर को लेकर पाक पीएम इमरान खान के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की गीदड़ भभकी, कहा- आग से खेल रहा है भारत
इमरान खान (Imran Khan) ने निराशा जताते हुए का कि आज दुनिया की ताकतें और मुसलमान देश भी मजबूरी की वजह से उनके साथ नहीं हैं लेकिन वक्त के साथ वह उनका साथ जरूर देंगी.
उन्होंने कहा कि कश्मीर का मुद्दा वह न्यूयॉर्क और अन्य बड़े देशों के सामने उठाएंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले में यूएनएससी (UNSC) की बैठक होने से ही मामला अंतरराष्ट्रीय हो गया है और पूरी दुनिया का ध्यान खींचा गया है.
बता दें कि यूएनएससी (UNSC) की बैठक मे भी भारत ने स्पष्ट किया कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है और किसी को दखल देने की जरूरत नहीं है.